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September 28, 2025

गांव में घर है- तो क्या हुआ ? पहले प्रयास में जज बन गई हिमाचल की सिमरन: बहुत बधाई

इच्छा शक्ति व कठिन परिश्रम से सच किया सपना

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Civil Judge Simran Mandi

शिमला। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की एक बेटी सिविल जज बन गई है। सिमरन के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था लेकिन कहते हैं कि जिनके हौसले बड़े होते है, उन्हें पंखों की आवश्यकता नहीं होती। ऐसा ही कुछ सिमरन ने भी कर दिखाया है। सिमरन ग्रामीण परिवेश से आती हैं लेकिन ये चीज कभी उनके लिए रुकावट नहीं बनी। उन्होंने ना केवल ये परीक्षा पास की बल्कि उन्होंने ऐसा पहले ही प्रयास में कर दिखाया।

हमेशा पढ़ाई को प्राथमिकता 

सिमरन द्रंग क्षेत्र के पद्धर से संबंध रखती हैं। सिमरन भले ही छोटे से गांव से आती हैं लेकिन उनके सपने बड़े थे। उन्होंने हमेशा अपनी पढ़ाई को प्राथमिकता दी। इसी का नतीजा है कि सिमरन ने पहले की प्रयास में न्यायिक सेवा की कठिन परीक्षा को पास कर लिया।

 

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सिमरन की साधारण शिक्षा

सिमरन की शुरुआती शिक्षा भारतीय मॉडल हाई स्कूल पद्धर से हुई है। प्लस टू की पढ़ाई उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र मेमोरियल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पद्धर से ही की। ये दर्शाता है कि सिमरन ने साधारण तरीके से अपनी शिक्षा को जारी रखा।

तैयारी में जुट गई सिमरन

सिमरन ने साल 2017-22 के सत्र में सिरमौर के हिमालयन इंस्टीट्यूट आफ लॉ, काला अंब से कानून की पढ़ाई की। इसके बाद सिमरन ने स्नातक की पढ़ाई पूरी की। फिर वे पूरी तरह से न्यायिक सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गईं।

पहले ही प्रयास में सफलता

फिर क्या था, सिमरन की मेहनत रंग लाई और उन्होंने जनवरी 2025 में हुई परीक्षा में पहले ही प्रयास में सफलता पा ली। इस सफलता के साथ ही सिमरन ने साबित कर दिया कि कड़ी मेहनत जरूरी है, कौन कहां से संबंध रखता है, इससे फर्क नहीं पड़ता।

 

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परिवार के सहयोग को श्रेय

सिमरन ने अपनी इस उपलब्धि के लिए परिवार के सहयोग, शिक्षकों के मार्गदर्शन और अपनी मेहनत को श्रेय दिया है। सिमरन की इस सफलता के बाद से द्रंग क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। सिमरन के माता-पिता भी अपनी बेटी पर गर्व करते हैं।

युवाओं के लिए बनीं प्रेरणा

गौरतलब है कि सिमरन के पिता रविकांत डलाह वार्ड से जिला परिषद सदस्य हैं जबकि माता धुमा देवी गृहिणी हैं। अपने माता-पिता की लाडली बेटी सिमरन आज हर युवा के लिए प्रेरणा बन गई हैं। उनका सफर कहता है कि इच्छा शक्ति व कठिन परिश्रम से सब कुछ संभव है।

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