देहरा (कांगड़ा)। हिमाचल में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत है तो बस उसे सही दिशा दिखाने की। हिमाचल के युवा आज देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी नाम कमा रहे हैं और प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। ऐसे ही एक प्रतिभावान युवक ने अपनी कड़ी मेहनत से भारतीय सेना में अधिकारी बनने के सपने को पूरा कर लिया है। यह युवक अभी मात्र 12वीं कक्षा का छात्र है।
एनडीए में देश भर में पाया 17वां रैंक
दरअसल जिला कांगड़ा के उपमंडल देहरा के सार्थक झा ने एनडीए में पूरे देश में 17वां रैंक हासिल किया है। मौजूदा समय में सार्थक झा राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून में 12वीं कक्षा में पढ़ रहा है। सार्थक झा द्वारा एनडीए में 17वां रैंक हासिल करने से उसके परिजनों में खुशी का माहौल है। वहीं परिवार को लगातार बधाई संदेश मिल रहे हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : स्टोर रूम में पत्नी को देख पति के पैरों तले खिसकी जमीन, छोड़ चुकी थी दुनिया
राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून में पढ़ रहा सार्थक
बता दें कि सार्थक झा ने 2020 में राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून की परीक्षा को पास कर इसमें प्रवेश पाया था। इससे पहले उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा छठी कक्षा तक कांगड़ा जिला के देहरा स्थित दिल्ली कान्वेंट स्कूल से पूरी की है। इसी स्कूल से सार्थक ने राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज में जाने की तैयारी शुरू कर दी थी। सार्थक झा की इस तैयारी में उसके शिक्षकों ने भी उसका साथ दिया।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में सरकारी नौकरी की चाहत होगी पूरी, दो बड़े अस्पतालों में भरे जाएंगे 400 पद
स्कूल के समय से कर रहा था तैयारी
उसके शिक्षक और एमडी डॉक्टर प्रवीण राजपूत व प्रधानाचार्य डीसीएस सुनहेत गुंजन परमार ने सार्थक झा को राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री स्कूल देहरादून के लिए तैयार किया था। शिक्षकों की मेहनत और सार्थक के दृढ निश्चय से उसने 2020 में राष्ट्रीय इंडियन मिलिट्री कॉलेज देहरादून में प्रवेश पाया। जिसके बाद अब उसने एनडीए में पूरे देश में 17वां रैंक हासिल किया है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : गहरी खाई में गिरी कार, 18 महीने का बच्चा और मां थे सवार
सार्थक ने पूरा किय बचपन का सपना
सार्थक झा के परिवार की बात करें तो उनके पिता दिलीप कुमार झा हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग में बतौर डीएओ के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। वहीं उनकी माता राधा झा दिल्ली कान्वेंट स्कूल सुनहेत में ही बतौर शिक्षक अपनी सेवाएं दे रही है। सार्थक के माता पिता ने बताया कि सार्थक ने बचपन से ही आर्मी अफसर बनने का सपना देखा था। जिसे पूरा करने के लिए उसने कड़ी मेहनत भी की।
यह भी पढ़ें : हिमाचल की बेटी वंशिका ने 3 साल पहले पहने थे बॉक्सिंग ग्लब्स, अब बनी वर्ल्ड चैंपियन
जानें किसे दिया अपनी सफलता का श्रेय
सार्थक ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता और शिक्षकों को दिया है। बता दें कि सार्थक झा व उसका परिवार मूल रूप से बिहार के दरभंगा के रहने वाले हैं। लेकिन उसके पिता हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग में पिछले 11 साल से सेवाएं दे रहे हैं। सार्थक भी पिछले आठ साल से हिमाचल के कांगड़ा जिला के देहरा में अपने माता पिता के साथ रह रहा है।