कांगड़ा। कहते हैं सपनों की राह में जो चलता है, वो कभी थकता नहीं है। होनहार बनता वही है, जो हर पल मेहनत करता है रुकता नहीं है। इन बात को बखूबी चीतार्थ कर दिखाया है हिमाचल प्रदेश के गांव की बेटी वंशिका गोस्वामी ने। वंशिका ने तीन साल कड़ी मेहनत कर अपने नाम का परचम विश्व स्तर पर लहराया है।
3 साल में विश्व विजेता बनी वंशिका
आपको बता दें कि वंशिका ने तीन साल पहले ही बॉक्सिंग ग्लब्स पहने थे। महज तीन साल में वंशिका विश्व विजेता बन गई हैं। वंशिका गोस्वामी ने विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में बाजी मारी है।
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वर्ल्ड चैंपियनशिप में मारी बाजी
वंशिका ने अमेरिका के कोलोरोडो में आयोजित विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल हासिल किया है। वंशिका ने अंडर 19 विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 80 किलोग्राम वर्ग की इस प्रतियोगिता में जर्मन की चैंपियन को कड़ी शिकस्त दी है।
देश का नाम किया रोशन
वंशिका गोस्वामी ने गोल्ड मेडल हासिल कर ना सिर्फ अपने क्षेत्र का बल्कि प्रदेश व देश का नाम भी विश्व स्तर पर रोशन किया है। वंशिका की इस सफलता के बाद पूरे प्रदेश व देश में उत्साह का माहौल है।
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पुलिस में हैं वंशिका के पिता
वंशिका गोस्वामी कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी क्षेत्र में स्थित दरंग की रहने वाली हैं। साल 2006 में जन्मी वंशिका के पिता शशिकांत गोस्वामी के पिता हिमाचल पुलिस में सेवारत हैं। वंशिका के दादा दीपराज गोस्वामी भी हिमाचल पुलिस के रिटायर्ड कर्मचारी हैं।
शरारती स्वभाव की है वंशिका
वंशिका के परिजनों ने बताया कि वंशिका बचपन से ही शरारती स्वभाव की रही है। वंशिका घर में सबकी लाडली है। हालांकि, वंशिका में कुछ कर गुजरने का हुनर और जिद्द बचपन से ही थी। वंशिका की बचपन से ही खेलों के प्रति काफी रूचि रही है।
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5वीं कक्षा में सीखे जूडो-कराटे
वर्तमान में वंशिका ज्वालाजी कॉलेज में BA प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं। वंशिका के पिता ने बताया कि वंशिका ने 5वीं कक्षा में जूडो-कराटे सीखने की जिद्द की। जिसके चलते उन्होंने वंशिका को स्कूल में ही कराटे सीखने का प्रशिक्षम दिलवाया। इसके बाद वंशिका जब 9वीं कक्षा में पहुंची तो वंशिका ने जूडो-कराटे में ब्राउन बेल्ट जीती।
तीन साल पहले की बॉक्सिंग की जिद्द
इस दौरान वंशिका के पिता का स्थानांतरण बड़ोह में हो गया तो वंशिका भी अपने पिता के साथ आगे की पढ़ाई के लिए वहां चली गई। साल 2021 में वंशिका ने बॉक्सिंग सीखने की जिद्द की- जिसके बाद शशिकांत ने वंशिका को समलोटी स्कूल में बॉक्सिंग कोच कैलाश शर्मा ने बॉक्सिंग का प्रशिक्षण दिलवाना शुरू कर दिया। इसी के चलते वंशिका ने स्कूली खेलों में भाग लिया और पहले ही साल में वंशिका बॉक्सिंग में राज्य चैंपियन बन गईं।
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नेशनल में जीता सिल्वर मेडल
इस सफलता के बाद वंशिका के कोच ने उन्हें प्रशिक्षण के लिए बाहर जाने की सलाह दी। इसके बाद वंशिका ने हरियाणा की एक निजी अकादमी में बॉक्सिंग की कोचिंग ली। इस दौरान वंशिका का साई रोहतक में चयन हो गया- जहां पर वंशिका ने अपनी प्रतिभा को और भी निखारा।
इसके बाद वंशिका ने भोपाल में आयोजित 66वें नेशनल गेम्स अंडर-19 में भाग लिया और इसमें वंशिका ने सिल्वर मेडल जीता। वंशिका को बीती जुलाई में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता के ट्रायल के लिए सिलेक्ट किया गया- जिसमें वंशिका ने शानदार प्रदर्शन कर भारतीय टीम में अपनी जगह बना ली।
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वहीं, अब अमेरिका के कोलोरोडो में आयोजित अंडर 19 विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में वंशिका ने एक मिनट 37 सेकंड तक चले मैच में जर्मन की चैंपियन को कड़ी शिकस्त देकर गोल्ड मेडल हासिल किया है। वंशिका 8 नवंबर को अपने गांव पहुंचेंगी।
भारत का नाम किया रोशन
वंशिका गोस्वामी ने इस सफलता से ना सिर्फ अपने क्षेत्र का बल्कि प्रदेश व देश का नाम भी विश्व स्तर पर रोशन किया है। वंशिका की इस सफलता के बाद पूरे प्रदेश व देश में उत्साह का माहौल है।