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June 16, 2025

हिमाचल : महिला को बचाने के लिए भाखड़ा में लगा दी थी छलांग, आज बना फ्लाइंग ऑफिसर- भावुक हुई मां

दमनदीप को नाना से मिली देश सेवा करने की प्रेरणा

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Flying Officer Damandeep Singh Rana

सोलन। कहते हैं कि जिनके इरादों में उड़ान होती है, रास्ते भी खुद ब खुद आसान होते हैं। ऐसा ही प्रेरणादायक कहानी है सोलन के नालागढ़ उपमंडल के बेटे दमनदीप सिंह राणा की। दमनदीप ने आज पूरे क्षेत्र का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है।

फ्लाइंंग ऑफिसर बने दमनदीप

भोगपुर गांव के बेटे दमनदीप ने 24 वर्षीय में भारतीय वायुसेना में बतौर फ्लाइंग अफसर नियुक्त होकर वह मुकाम हासिल किया है, जिसकी ख्वाहिश लाखों युवा करते हैं।

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सपनों को किया साकार

यह ऐतिहासिक पल हैदराबाद स्थित एयरफोर्स अकादमी में आयोजित पासिंग आउट परेड के दौरान आया, जब दमनदीप ने वर्दी पहनकर अपने सपनों को साकार किया। वायुसेना की नीली वर्दी में कदमताल करता यह युवा सिर्फ अपने परिवार का नहीं, बल्कि पूरे इलाके का गौरव बन गया है।

LLB कर चुके हैं दमनदीप

दमनदीप की शिक्षा-दीक्षा भी प्रेरणादायक रही है। उन्होंने नालागढ़ के अल्पाइन स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की, फिर DAV कॉलेज चंडीगढ़ से बीए की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद LLB भी पूरी की।

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बेहद साहसी हैं दमनदीप

पढ़ाई के साथ-साथ उनमें मानव सेवा और साहसिकता का जज्बा भी कूट-कूट कर भरा रहा। कुछ साल पहले दमनदीप ने भाखड़ा नहर में डूब रही एक महिला की जान बचाकर असाधारण साहस का परिचय दिया था। इस बहादुरी के लिए उन्हें नालागढ़ प्रशासन द्वारा सम्मानित भी किया गया। ये घटना इस बात का प्रमाण है कि उनके भीतर केवल वीरता ही नहीं, इंसानियत भी उतनी ही गहराई से बसती है।

शिक्षक रहे चुके हैं पिता

दमनदीप के पिता सुखदेव सिंह, जो एक सेवानिवृत्त शिक्षक हैं और मां सर्वजीत कौर एक साधारण गृहिणी हैं। आज बेटे की इस सफलता पर बेहद भावुक और गौरवांवित हैं।

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नाना से मिली प्रेरणा

दमनदीप ने बताया कि देश सेवा का जज्बा उन्हें अपने नाना, स्वर्गीय सरदार जोगिंद्र सिंह से विरासत में मिला, जो समाज सेवा में आदर्श माने जाते थे। आज भोगपुर गांव के लोग दमनदीप को एक "रोल मॉडल" मानते हैं। उनका यह मुकाम युवाओं के लिए एक प्रेरणा है कि मेहनत, अनुशासन और देशभक्ति से हर सपना साकार किया जा सकता है।

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