#उपलब्धि
November 19, 2025
हिमाचल के अनुज ने रचा इतिहास- 1 सेकेंड में A to Z लिखकर पूरी दुनिया को चौंकाया
सबसे तेज टाइपिंग कर अनुज ने बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड
शेयर करें:

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश में होनहारों की कमी नहीं है। हिमाचल के होनहार हर क्षेत्र में प्रदेश व देश का नाम विश्व स्तर पर ऊंचा कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब कांगड़ा जिले के बेटे अनुज ने भी होनहारों की सूची में अपना नाम जोड़ लिया है।
ज्वालामुखी उपमंडल की खुंडिया पंचायत का टिहरी गांव इन दिनों खुशी और गर्व से सराबोर है। गांव के होनहार छात्र अनुज कुमार ने अपनी प्रतिभा और निरंतर अभ्यास के दम पर इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाकर क्षेत्र का मान बढ़ाया है।
सितंबर में दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अनुज ने अंग्रेजी वर्णमाला की सबसे तेज टाइपिंग की श्रेणी में नया रिकॉर्ड बनाया। उन्होंने केवल 1 सेकंड 986 मिलीसेकंड में ए से जेड तक पूरा टाइप कर इतिहास रच दिया।
दो दिन पहले प्रतियोगिता का औपचारिक परिणाम घोषित हुआ, जिसके बाद से ही गांव और पूरे उपमंडल में खुशी की लहर दौड़ गई है। परिजनों, गुरुजनों और परिचितों के फोन लगातार अनुज के घर पर पहुंच रहे हैं। हर कोई इस उपलब्धि को क्षेत्र के लिए गर्व का पल बता रहा है।
अनुज के पिता रणजीत सिंह एक केंद्रीय विद्यालय में प्रधानाचार्य हैं, जबकि उनकी माता गृहिणी हैं। बेटे की ऐतिहासिक उपलब्धि से पूरा परिवार बेहद भावुक और उत्साहित है। रणजीत सिंह का कहना है कि अनुज बचपन से ही तकनीक और कंप्यूटर में गहरी रुचि रखता रहा है। उसकी लगन और अनुशासन ने ही उसे इस स्तर तक पहुंचाया है।

प्राथमिक शिक्षा खंड खुंडिया के अध्यक्ष भीम सिंह राणा, स्थानीय शिक्षकों और गांववासियों ने अनुज और उसके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उनका कहना है कि अनुज की सफलता क्षेत्र के विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा का एक बेहतरीन उदाहरण है। जिस उम्र में अधिकांश बच्चे सामान्य प्रतियोगिताओं तक सीमित रहते हैं, अनुज ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।
अनुज कुमार ने अपने लक्ष्य के बारे में बताया कि उनका सपना इंजीनियर बनना है। यह उपलब्धि उनके लिए सिर्फ शुरुआत है और वे इससे भी बड़े लक्ष्यों को पाने की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निरंतर अभ्यास, धीरज और समर्पण ही हर सफलता की असली कुंजी है। वे आगे भी कड़ी मेहनत करके क्षेत्र और प्रदेश का नाम रोशन करना चाहते हैं।
स्थानीय लोगों का मानना है कि अनुज की यह सफलता युवा पीढ़ी में आत्मविश्वास भरने का काम करेगी। एक छोटे से गांव से निकलकर विश्व रिकॉर्ड बनाना न केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है बल्कि यह संदेश भी देता है कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो और मेहनत निरंतर हो, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं।