#हादसा

October 21, 2025

हिमाचल: सड़क पर खड़ा था शख्स, अचानक पहाड़ी से आ गिरे पत्थर; नहीं बच पाया बेचारा

पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से व्यक्ति की गई जान

शेयर करें:

Kullu landslide

कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला से एक बेहद दर्दनाक खबर सामने आई है। यहां सड़क पर खड़े एक शख्स पर अचानक पहाड़ी मौत बन कर पत्थर आ गिरा। जिसकी चपेट में आने से व्यक्ति की मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा आज दिवाली के अगले ही दिन मलाणा रोड प्रोजेक्ट के पास हुआ है। इस हादसे ने एक बार फिर इस बात को सही साबित कर दिया है कि फोरलेन के लिए पहाड़ों की गलत कटिंग से पहाड़ दरक रहे हैं।

कुल्लू के भुंतर के पास हुआ हादसा

मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार दोपहर के समय 42 वर्षीय रमेश पांडे पुत्र अनिल पांडे निवासी झारखंड कुल्लू जिला के भुंतर के पास मलाणा रोड प्रोजेक्ट के पास खड़ा था। इसी दौरान अचानक पहाड़ी से पत्थर गिरने लगे। जिसकी चपेट में रमेश पांडे भी आ गया और बुरी तरह से घायल हो गया। हादसे के बाद उसके साथी उसे तुरंत ही कुल्लू अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। 

 

यह भी पढ़ें : हिमाचल: युवक के साथ स्कूटी पर जा रही थी युवती, निजी बस ने मार दी टक्कर; थमी सांसें

पुलिस ने शव कब्जे में लिया

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर आगामी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी छानबीन शुरू कर दी है। एएसपी कुल्लू संजीव चौहान ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस ने घटनास्थल का दौरा कर हादसे के कारणों की जांच की है। 

 

यह भी पढ़ें : हिमाचल में यहां जमकर बरसाए एक-दुसरे पर पत्थर, हजारों लोग हुए शामिल, निभाई सदियों पुरानी परंपरा

कटिंग और भारी बरसात से दरक रहे पहाड़

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में फोरलेन का काम चल रहा है। जिसके लिए फोरलेन निर्माण में लगी कंपनी पहाड़ों की कटिंग कर रही है। वहीं भारी बरसात के चलते भी पहाड़ दरक रहे हैं। जिसके चलते जगह जगह पहाड़ों से भूस्खलन हो रहा है। ऐसे ही एक भुस्खलन ने आज एक और परिवार से उनके घर का इकलौता कमाने वाला शख्स छीन लिया है।

 

यह भी पढ़ें: दिवाली के दिन शहीद हुआ हिमाचल का जवान, पत्नी के हवाले छोड़ गया दो मासूम बच्चे

प्रशासन की क्या प्रतिक्रिया है

एएसपी कुल्लू ने संबंधित थाना को जांच जारी करने के निर्देश दिए हैं। वहीँ सुरक्षा और स्थिरता के सवाल पर राज्य के समक्ष चुनौती बनी हुई है कि क्या भारी निर्माण कार्यों की अनुमति देने से पहले पर्यावरणीय अध्ययन, भू‑वैज्ञानिक जांच और स्थिरता विश्लेषण पर्याप्त किए जा रहे हैं?

नोट : ऐसी ही तेज़, सटीक और ज़मीनी खबरों से जुड़े रहने के लिए इस लिंक पर क्लिक कर हमारे फेसबुक पेज को फॉलो करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख