#हादसा

May 15, 2025

सतलुज में फंसे दो मासूम, चीख-पुकार से दहला इलाका- पावर प्रोजेक्ट बंद कर बाहर निकाले

रस्सियों की मदद से बहते पानी में उतरकर जोखिम भरा रेस्क्यू ऑपरेशन किया

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Kol Dam Rescue Operation

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले के खंगड़ गांव में बुधवार शाम सतलुज नदी के किनारे तीन मासूम बच्चे खेलते हुए अचानक खतरे में पड़ गए। बच्चों की चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर पूरा गांव दहल गया।

सतुलज में फंस गए मासूम

दरअसल, सतलुज का जलस्तर तेजी से बढ़ा और कृष चंदेल व अनुज नामक दो बच्चे नदी के बीच बने टापू पर फंस गए। तीसरी बच्ची किसी तरह किनारे तक पहुंच गई, लेकिन बाकी दोनों पानी में घिर गए। अगर एक पल की भी देरी होती, तो स्थिति भयावह हो सकती थी।

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चीख-पुकार से मचा हड़कंप

चीख-पुकार सुनते ही गांव में हड़कंप मच गया। गांव की वार्ड सदस्य अंजना कुमारी ने फौरन NTPC कोलडैम के हेड ऑफ प्रोजेक्ट से संपर्क किया। बिना समय गंवाए NTPC प्रबंधन ने जलग्रहण गेट बंद कर दिए, जिससे नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम हुआ।

रस्सी के सहारे मौत से निकाल लाए जीवन

जैसे ही जल प्रवाह कम हुआ, गांव के राजेंद्र कुमार ने रस्सियों की मदद से बहते पानी में उतरकर जोखिम भरा रेस्क्यू ऑपरेशन किया और दोनों बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लाए। बच्चे करीब दो घंटे तक टापू पर फंसे रहे।

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पावर प्लांट किया बंद

NTPC कोलडैम का गेट बंद रखने से बिजली उत्पादन पूरी तरह बंद हो गया। इससे करोड़ों रुपये की आर्थिक हानि हुई और बिजली आपूर्ति पर भी असर पड़ा। मगर NTPC ने यह साबित किया कि मानव जीवन की कीमत किसी भी मुनाफे से ऊपर है।

पहले जीवन फिर काम

कोलडैम प्रबंधन ने स्पष्ट किया कि कंपनी तय शेड्यूल के मुताबिक ही संचालन करती है और आम लोगों को भी नदी किनारे सतर्कता बरतनी चाहिए। हालांकि, इस मानवीय उदाहरण ने पूरे देश में औद्योगिक और प्रशासनिक जिम्मेदारी की एक नई मिसाल पेश की है।

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