#हादसा
July 5, 2025
हिमाचल : बेटी को पेपर दिलाने निकले थे परिजन, GOOGLE मैप ने भटकाया- टूटे पुल से उफनती नदी में फंसी कार
दो साल से टूटा पड़ा पुल, सरकारें चुप- जनता परेशान
शेयर करें:
सोलन। हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में एक परिवार के लिए गूगल मैप का भरोसा करना भारी पड़ गया। बेटी को परीक्षा दिलाने ऊना जा रहे इस परिवार ने जैसे ही गूगल मैप पर सुझाए गए रास्ते पर भरोसा किया। उन्हें नालागढ़ से दभोटा पुल के रास्ते पर ले जाया गया, जो कि बीते दो वर्षों से पूरी तरह क्षतिग्रस्त पड़ा है। जैसे ही कार नदी के समीप पहुंची, वह तेज बहाव में फंस गई और बहती हुई कई किलोमीटर दूर तक चली गई।
मिली जानकारी के अनुसार, कार में चार लोग सवार थे, जिनमें से एक छात्रा का महत्वपूर्ण परीक्षा केंद्र ऊना में था। कार के बहते ही आसपास मौजूद लोगों ने साहस का परिचय देते हुए तत्काल राहत कार्य शुरू किया और सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। घटना में सभी को मामूली चोटें आईं, लेकिन वाहन को भारी नुकसान पहुंचा।
उधर, ग्राम पंचायत दभोटा के प्रधान ने इस दुर्घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए बताया कि गूगल मैप अभी भी इस टूटे हुए पुल को वैध रास्ते के रूप में दिखा रहा है, जिससे लगातार लोग खतरे में पड़ रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि यहां स्पष्ट चेतावनी बोर्ड और बैरिकेड्स लगाए जाएं ताकि किसी और की जान जोखिम में न आए।
गौरतलब है कि हिमाचल और पंजाब को जोड़ने वाला यह दभोटा पुल वर्ष 2023 की बाढ़ में पूरी तरह नष्ट हो गया था। तब से आज तक कोई स्थायी पुनर्निर्माण कार्य नहीं हो पाया। पहले एक वैकल्पिक पुल बनाया गया था, लेकिन वह भी पहली बारिश में बह गया। हाल ही में एक नया पुल निर्माण शुरू हुआ, लेकिन बरसात के कारण अधूरा रह गया। स्थानीय लोग अब संकरे बोदला मार्ग से होकर सफर करने को मजबूर हैं, जो न केवल लंबा है बल्कि बारिश में और भी खतरनाक हो जाता है।
यहां बना छोटा पुल भारी वाहनों के भार से जूझ रहा है और कभी भी ध्वस्त हो सकता है। 2023 में हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दभोटा पुल का दौरा कर जल्द निर्माण का वादा किया था। लेकिन दो साल बाद भी हालात जस के तस बने हुए हैं।
स्थानीय निवासी, पंचायत प्रतिनिधि और पूर्व सैनिक अब इस मुद्दे को लेकर एकजुट हैं। उनका साफ कहना है, यह पुल न केवल आम नागरिकों, बल्कि औद्योगिक ट्रांसपोर्टरों के लिए भी जीवनरेखा है। बार-बार चेतावनियों और हादसों के बावजूद दोनों राज्य सरकारें जिम्मेदारी एक-दूसरे पर डाल रही हैं, लेकिन समाधान कोई नहीं दे रहा।