शिमला। हिमाचल के मंडी जिला के जोगिंद्रनगर में स्थित शानन जल विद्युत परियोजना पर हिमाचल और पंजाब दोनों ही राज्य अपना अपना अधिकार जता रहे हैं। फिलहाल इस समय यह प्रोजेक्ट पंजाब के पास है, लेकिन इसकी 99 साल की लीज खत्म हो चुकी है। जिसके चलते अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार इस प्रोजेक्ट को अपने अधिकार में लेना चाह रही है। इसको लेकर मामला अब सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री के साथ सीएम सुक्खू ने चंडीगढ़ में की बैठक
शानन प्रोजेक्ट पर केंद्रीय शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी बड़ा बयान दिया है। दरअसल आज चंडीगढ़ में केंद्रीय शहरी विकास एवं ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की एक बैठक हुई।
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इस बैठक में लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी मौजूद रहे। यह बैठक करीब दो घंटे तक चलती रही। इस बैठक में हिमाचल प्रदेश के विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा और हिमाचल में जारी केंद्र की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई।
हिमाचल में नए बिजली प्रोजेक्ट शुरू करने पर हुई चर्चा
हिमाचल पन बिजली ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है। जिसके चलते ही इस बैठक में हिमाचल में पन बिजली को लेकर पए प्रोजेक्ट शुरू करने और पुराने प्रोजेक्ट की समीक्षा पर विस्तार से चर्चा की गई। वहीं अर्बन डेवलपमेंट के बहुत से प्रोजेक्ट और ऊर्जा क्षेत्र को लेकर भी चर्चा हुई। मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि हिल स्टेट में विकास की जो गति होनी चाहिए, हिमाचल उसमें पहले स्थान पर बना हुआ है।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले को करेंगे लागू
बैठक के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने शानन प्रोजेक्ट पर कहा कि इस परियोजना पर हिमाचल और पंजाब दोनों ही राज्य अपना हक जता रहे हैं। इस प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज खत्म हो गई है। फिलहाल यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया है। सुप्रीम कोर्ट से जो भी फैसला आएगा उसे ही आगामी समय में लागू किया जाएगा।
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स्मार्ट सिटी का समय मार्च 2025 तक बढ़ाया
वहीं सीएम सुक्खू ने कहा कि यह बैठक पहले शिमला में होनी थी, लेकिन खराब मौसम के चलते यह बैठक चंडीगढ़ में आयोजित की गई। इस बैठक में हिमाचल के शहरों के विकास, प्रदेश में स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर चर्चा की गई। स्मार्ट सिटी के समय को मार्च 2025 तक बढ़ाया गया है।
वहीं हिमाचल के नए शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रस्ताव केंद्र को भेज दिए हैं। सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल में 70 सालों में कोई नया शहर नहीं बसा है। ऐसे में इस बैठक के बाद उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पर ध्यान देगी। इस दौरान सीएम सुक्खू ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर का धन्यवाद किया।
पंजाब सरकार शानन प्रोजेक्ट से रोजाना कर रही 80 लाख की कमाई
बता दें कि हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के जोगिन्द्रनगर उपमंडल में शानन जल विद्युत परियोजना पंजाब विद्युत बोर्ड के लिए सोने के अंडे देने वाली मुर्गी साबित हो रही है। इसकी रोजाना आमदन 80 लाख रुपए से अधिक है, जबकि वार्षिक खर्चा केवल 40 लाख रुपए है।
यह पावर हाऊस इन दिनों पंजाब विद्युत बोर्ड के आधिपत्य में संचालित है। इसको लेकर मार्च 1925 में तत्कालीन मंडी रियासत के राजा जोगिन्द्र सेन तथा सैक्रेटरी ऑफ स्टेट इन इंडिया के बीच एक समझौता हुआ था। जिसके अनुसार आगामी 2025 तक यथास्थिति रहनी है और तदोपरांत इस परियोजना का हस्तांतरण हिमाचल सरकार को होना तय है। लेकिन पंजाब सरकार इस प्रोजेक्ट की लीज खत्म होने के बाद भी हिमाचल को सौंपने को तैयार नहीं है।