शिमला। हिमाचल प्रदेश में भवन निर्माण से संबंधित शुल्क बढ़ने जा रहे हैं। मंहगाई में एक और झटका हिमाचल की जनता को लगने जा रहा है। बता दें कि भवन निर्माण नियमों में भी बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। इस संदर्भ में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (TCP) विभाग ने दो ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किए हैं। जिसमें लोगों से 30 दिनों के भीतर आपत्तियां और सुझाव मांगे गए हैं।
10 साल बाद होगा बड़ा बदलाव
बता दें कि ये नोटिफिकेशन TCP के प्रधान सचिव देवेश कुमार की ओर से जारी की गई हैं। राज्य सरकार 10 साल के बाद टाउन एंड कंट्री प्लानिंग नियमों में यह बदलाव करने जा रही है। 12वें संशोधन के तहत भवन निर्माण शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा गया है।
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शहरी विकास के लिए नई दरें
प्लानिंग एरिया से बाहर शहरी निकायों, जैसे नगरपालिका और नगर पंचायतों में यह फीस 90% और 80% की दर से लागू होगी। उद्योगों वाले विशेष क्षेत्र प्राधिकरण में शुल्क लगाने की स्वतंत्रता होगी। लेकिन नगर निगम क्षेत्र में निर्धारित फीस से कम नहीं होगी। फोरलेन और राष्ट्रीय राजमार्गों पर यह फीस 150% और 130% की दर से लागू होगी।
आवासीय प्लॉट्स के लिए छूट
100 वर्ग मीटर तक के आवासीय उपयोग वाले प्लॉट्स के लिए शुल्क में छूट का प्रस्ताव है। इसके साथ ही, बीपीएल परिवारों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 100 वर्ग मीटर तक के प्लॉट्स पर कोई शुल्क नहीं लगाया जाएगा। यह लाभ किसी परिवार को केवल एक बार ही मिलेगा। यदि प्लॉट का क्षेत्र 100 वर्ग मीटर से अधिक है, तो अतिरिक्त क्षेत्र पर शुल्क लागू होगा।
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लगने जा रहा है नया शुल्क
बता दें कि नियम 16 में किए जा रहे परिवर्तन के तहत प्रदेश अभिवृत्ति और भूमि सुधार अधिनियम 1972 की धारा 118 के तहत अनिवार्यता प्रमाण पत्र के लिए शुल्क 25,000 रुपए से 1,00,000 रुपए तक होगा। प्लॉट के आकार के अनुसार, 2,500 वर्ग मीटर तक के प्लॉट के लिए 25,000 रुपए, 10,000 वर्ग मीटर तक के लिए 50,000 रुपए और इससे अधिक के लिए 1,00,000 रुपए का शुल्क निर्धारित किया गया है।
कमर्शियल भवनों के लिए नए नियम
राज्य सरकार ने TCP नियमों में बदलाव करते हुए विशेष कमर्शियल बिल्डिंग, ट्रांसिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट कॉरिडोर्स और औद्योगिक भवनों के लिए फ्लोर एरिया रेशियो और ऊंचाई के नियमों में भी संशोधन किया है। कमर्शियल भवन अब भूमि की ढलान के हिसाब से 13 से 14 मंजिल तक हो सकते हैं, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग और फोरलेन के साथ प्रस्तावित डिवेलपमेंट कॉरिडोर में 18 से 20 मंजिल तक निर्माण की अनुमति होगी।
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