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August 16, 2024

सुक्खू सरकार ने OPS देकर लटका दिया एरियर-DA, चौथी बार निराश किए कर्मचारी

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने कर्मचारियों को ओपीएस सहित अन्य वादे कर सत्ता हासिल की। सत्ता में आने के बाद प्रदेश में मुख्यमंत्री बने सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कर्मचारियों को निराश नहीं किया और दो माह में ही पुरानी पेंशन स्कीम ओपीएस बहाल कर दी। सीएम सुक्खू के इस फैसले का कर्मचारी वर्ग ने जोरशोर से स्वागत किया और जश्न मनाए गए। लेकिन उसके बाद से कर्मचारियों और पेंशनरों को सीएम सुक्खू कोई राहत नहीं दे पाई है। कर्मचारियों और पेंशनरों का लंबित डीए और एरियर नहीं मिल रहा है।

कर्मचारियों की टूटी उम्मीद

कर्मचारियों और पेंशनरों को 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर उम्मीद थी कि सरकार डीए और एरियर को लेकर कोई बड़ी घोषणा करेगी। लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। सीएम सुक्खू ने केवल 75 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को ही एकमुश्त डीए देने का ऐलान किया। हालांकि उन्होंने कर्मचारियों को जल्द ही डीए एरियर देने की बात कही, लेकिन कोई घोषणा नहीं की।

कर्मचारी चौथी बार हुए निराश

यह पहली बार नहीं है, जब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से कर्मचारियों और पेंशनरों को निराशा हाथ लगी है। इससे पहले पिछले साल 15 अगस्त के दिन भी सीएम सुक्खू ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की थी। उस दौरान प्रदेश में आई जल प्रलय और प्रदेश के आर्थिक हालातों का हवाला देते हुए कर्मचारियों और पेंशनरों को कुछ नहीं मिला था। उसके बाद 15 अप्रैल 2024 हिमाचल दिवस पर उपचुनाव के चलते आदर्श आचार संहिता लागू थी। उसके बाद 20 जनवरी 2024 और अब 15 अगस्त के अवसर पर भी कर्मचारियों और पेंशनरों को कुछ नहंी मिला है। अब कर्मचारियों और पेंशनरों ने सोशल मीडिया पर अपनी निराशा जाहिर की है।

अगस्त में लिए लोन से जागी थी उम्मीद

सुक्खू सरकार ने 2 अगस्त को एक हजार करोड़ रुपए लोन की नोटिफिकेशन जारी की थी, उस समय कर्मचारियों को उम्मीद थी कि शायद सुक्खू सरकार इस लोन से कर्मचारियों और पेंशनरों को डीए और एरियर का भुगतान कर देगी, लेकिन वह उम्मीद भी धरी की धरी रह गई। क्योंकि सुक्खू सरकार ने एक हजार की जगह केवल 500 करोड़ का ही कर्ज लिया था। यह भी पढ़ें: 15 अगस्त के दिन सीएम सुक्खू ने खोला खजाना, एकमुश्त एरियर समेत किए ये बड़े ऐलान

सीएम सुक्खू ने सीधे अगले साल की डाल दी डेट

बीते रोज स्वतंत्रता दिवस समारोह में सीएम सुक्खू ने कर्मचारियों और पेंशनरों को अगलेसाल से चरणबद्ध तरीके से कर्मचारियों को डीए और एरियर का भुगतान करने की बात कही है। जिसे यह साफ हो गया है कि कर्मचारियों और पेंशनरों को अब 26 जनवरी 2025 का इंतजार करना होगा। सुक्खू सरकार इससे पहले कर्मचारियांे और पेंशनरों को कुछ नहीं देने वाली है। यह भी पढ़ें: ITI के आखिरी दिन नदी में कूद गई थी 20 साल की हिमानी, हफ्ते बाद झील में मिली

कर्मचारियों ने सोशल मीडिया पर जाहिर की अपनी निराशा

  • हिमाचल कर्मचारी मंच नामक पॉपुलर पेज पर सुशील कुमार नामक यूजर ने पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि ओपीएस दे दी बस, नौकरी, नियमितिकरण, डीए, एरियर व भत्ते भूल जाओ।
  • राजू कुमार नामक एक यूजर ने पोस्ट डाली और लिखा कि न डीए, न एरियर, न भत्ते, इन सबसे आजादी मुबारक हो।
  • एक यूजर गुरमिंदर सिंह ने हिम इंडिया एजुकेशन के नाम से चल रहे पेज की पोस्ट शेयर की, उसमें लिखा है कर्मचारियों के लिए भी हाथ खाली, नहीं हुई डीए की घोषणा।
  • रतनलाल महाजन नामक यूजर ने पोस्ट डाली-हिमाचल को कर्मचारियों को आज (15 अगस्त) के पावन पर्व पर कुछ नहीं मिला, जबकि उम्मीदें बहुत थीं। कम से कम एसीपी 4-9-14 का ही ऐलान कर दिया होता, क्योंकि ये समयबद्ध प्रमोशन काफी समय से मिल रही थी। उल्लेखनीय है कि सर्विस के चार, नौ व चौदह साल पूरे होने पर जो प्रमोशन का चैनल है, उसे 4-9-14 कहा जाता है।
  • एक अन्य यूजर नरेश ठाकुर ने लिखा कि डीए, एरियर को तरसते कर्मचारी, अधिकारी व सेवानिवृत कर्मचारी।
  • एक यूजर ने अलग ही तरह की प्रतिक्रिया दी है। उसने लिखा है हिमाचल के जो कर्मचारी पहले से ओपीएस में थे या जो एनपीएस से ओपीएस में नहीं आए, उनका एरियर एकमुश्त देना चाहिए, ओपीएस लेने वालों को सब्र भी होना चाहिए।

कर्मचारियों और पेंशनरों पर खर्च हो रहा बजट का बड़ा हिस्सा

मंच से सीएम सुक्खू ने यह भी साफ कर दिया है कि प्रदेश के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं। प्रदेश के राजस्व को बढ़ाने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। जिसमें जनता से भी सहयोग मांगा गया है। सीएम सुक्खू ने कहा था कि प्रदेश के बजट का एक बड़ा हिस्सा सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन और पेंशन में जा रहा है। जिसके चलते प्रदेश के आर्थिक हालात बिगड़ रहे हैं। यह भी पढ़ें: हिमाचल के बैंक में हुआ करोड़ों का घोटाला, लोगों के FD वाले पैसे खा गया असिस्टेंट मैनेजर

क्या है खजाने की हालत

इस वित्त वर्ष के अंत यानी मार्च 2025 तक हिमाचल प्रदेश पर 94 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज हो जाएगा। अगले साल यानी 2025 से ओपीएस का इंपैक्ट भी खजाने पर पड़ेगा। जिसके चलते सरकार को एरियर के 9000 करोड़ का भुगतान करना आज से भी कहीं अधिक कठिन हो जाएगा। यह भी पढ़ें: हिमाचल: स्वतंत्रता के जश्न में परेशानी बनी बारिश, जाने कब तक है Alert ?

अगले चार माह में बची है 2300 करोड़ की लोन लिमिट

बड़ी बात यह है कि सुक्खू सरकार ने अपने इस वित वर्ष की अधिकांश लोन लिमिट को पूरा कर लिया है। सरकार के पास दिसंबर तक 6200 करोड़ की लोन लिमिट है, जिसमें से सरकार ने 3900 करोड़ कर्ज ले लिया है। यानी अब अगले चार माह में सुक्खू सरकार सिर्फ 2300 करोड़ का ही कर्ज ले सकेगी। ऐसे में सुक्खू सरकार की आने वाले दिनों में मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं।

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