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September 1, 2024

कल कहां से सैलरी-पेंशन का पैसा लाएगी सरकार ? खाली है ट्रेजरी का खजाना!

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शिमला। आर्थिक संकट से जूझ रही हिमाचल सरकार का खजाना खाली हो चुका है। यह आर्थिक संकट अब कर्मचारियों के वेतन और पेंशनरों की पेंशन पर भी पड़ता दिखने लगा है। सितंबर माह की शुरूआत आज यानी रविवार से हुई है। कल दो सितंबर को सोमवार है। ऐसे में सुक्खू सरकार को कल यानी सोमवार को कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन देनी है, लेकिन समस्या यह है कि ट्रेजरी के पास पैसा नहीं है।

वेतन पेंशन के लिए चाहिए 2 हजार करोड़

  • हिमाचल में करीब दो लाख सरकारी कर्मचारी हैं।
  • प्रदेश में एक लाख 89 हजार के करीब पेंशनर हैं।
  • कर्मचारियों के वेतन और पेंशनरों की पेंशन पर हर महीने खर्च होते हैं 2 हजार करोड़ रुपए
  • सोमवार को कर्मचारियों और पेंशनरों के खाते में ट्रेजरी को डालनी है यह रकम
  • ट्रेजरी के पास नहीं हैं इतने पैसे
  • शनिवार और छुट्टी के दिन रविवार को सरकार से लेकर अधिकारी इन पैसों के इंतजाम में रहे व्यस्त।

1200 करोड़ वेतन पर तो 800 करोड़ पेंशन के लिए चाहिए

दरअसल हिमाचल सरकार को हर महीने वेतन और पेंशन के लिए 2000 करोड़ की जरूरत होती है। जिसमें से 1200 करोड़ रुपए वेतन पर खर्च होते हैं तो 800 करोड़ रुपए पेंशन पर वहन किए जाते हैं। हिमाचल के कोषागार में हर महीने भारत सरकार की तरफ से 6 तारीख को 520 करोड़ रिवेन्यू डेफिसिट ग्रांट आती है। अपना टैक्स और नॉन टैक्स रिवेन्यू 10 तारीख के आसपास खाते में आता है। जिसके अनुसार ही भुगतान का शेड्यूल बनता है।

दिसंबर तक खड़ी रहेगी वेतन पेंशन की समस्या

माना जा रहा है कि अगर सुक्खू सरकार ने किसी तरह से इस सितंबर महीने कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का जुगाड़ कर भी लिया तो ऐसी स्थिति आने वाले तीन महीनों में फिर हर बार खड़ी होती रहेगी। इसका एक बड़ा कारण यह है कि सरकार की नई लोन लिमिट दिसंबर के बाद जनवरी से अप्रैल की अवधी के लिए मिलेगी, लेकिन फिलहाल दिसंबर तक सुक्खू सरकार पर वेतन और पेंशन की देनदारी भारी पड़ने वाली है। यह भी पढ़ें: हिमाचल: स्कूल के पास चिट्टा बेचती थी महिला, जानें कितना नशा बरामद हुआ

मंत्रियों सीपीएस के वेतन से कैसे भरेगा खजाना

हिमाचल में चल रहे मानसून सत्र के बीच सरकार के सामने यह एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। जिसे सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपनी और अपने मंत्रियों, सीपीएस आदी के दो माह के वेतन और भत्तों को विलंबित करने का भी ऐलान किया था। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि क्या मंत्रियांे, सीपीएस के दो माह के वेतन से क्या कर्मचारियों और पेंशनरों की पेंशन का बंदोबस्त हो जाएग। अगर ऐसा नहीं होता है तो कर्मचारियों और पेंशनरों को इस माह वेतन और पेंशन के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।

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ट्रेजरी की 750 करोड़ है ओवरड्राफ्ट लिमिट

हिमाचल सरकार के कोषागार की ओवरड्राफ्ट लिमिट 750 करोड़ के आसपास है। यानी इतना खर्चा बिना खाते में पैसे हुए किया जा सकता है, लेकिन अकेले वेतन का ही खर्च 1200 करोड़ है, इसलिए सिर्फ ओवरड्राफ्ट लिमिट से काम नहीं चलेगा। ऐसे में प्रदेश सरकार को यदि केंद्र से स्पेशल सेंट्रल अस्सिटेंस में कुछ मदद मिल जाए, तो कुछ राहत होगी।
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पांच साल में वेतन और पेंशन पर खर्च होंगे 2.11 लाख करोड़

बता दंे कि हिमाचल में वित वर्ष 2026-27 से आने वाले पांच साल में सिर्फ और सिर्फ वेतन के लिए ही एक लाख, 21 हजारए 901 करोड़ रुपए की रकम चाहिए होगी। इसके अलावा पेंशनर्स की पेंशन पर आने वाले पांच साल में 90 हजार करोड़ रुपए की रकम खर्च होगी। कुल मिलाकर दो साल में 2.11 लाख करोड़ रुपए से अधिक धन की जरूरत होगी।
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हिमाचल में पांच साल में सैलरी का खर्च

  • हिमाचल में आने वाले पांच साल में वेतन का खर्च 1.21 लाख करोड़ से अधिक होगा।
  • वित्त वर्ष 2026-27 में सरकारी कर्मियों के वेतन पर ही सालाना 20639 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • वित्त वर्ष 2027-28 में ये खर्च 22502 करोड़ सालाना खर्च होंगे।
  • वित्त वर्ष 2028-29 में 24145 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • वर्ष 2029-30 में 26261 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • वर्ष 2030-31 में सरकारी कर्मियों के वेतन का खर्च सालाना 28354 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
  • पांच साल में ये सारा कुल मिलाकर 121901 करोड़ रुपए बनता है।
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आर्थिक स्थिति पर सदन में होगा हंगामा, विपक्ष ने मांगी है चर्चा

मानसून सत्र में राज्य की इस मुश्किल स्थिति पर मानसून सत्र के दौरान सोमवार के बाद कभी भी विधानसभा में चर्चा हो सकती है। कांग्रेस के तीन विधायकों केवल सिंह पठानिया, भवानी सिंह पठानिया और चंद्रशेखर की ओर से नियम 130 के तहत इस चर्चा का नोटिस दिया गया है। अभी विधानसभा अध्यक्ष ने इसे बिजनेस में लगाया नहीं है, लेकिन राज्य सरकार को जवाब बनाने के लिए नोटिस आ गया है। इसके जवाब में मुख्यमंत्री सदन को स्थिति से अवगत करवाएंगे।

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