शिमला। हिमाचल प्रदेश में इन दिनों मानसून सीजन चल रहा है। कई इलाकों में गड़गड़ाहट के साथ मूसलाधार बारिश हो रही है। ज्यादातर इलाकों में रात के समय भारी बारिश हो रही है। जिस कारण लोग चैन की नींद भी नहीं सो पा रहे हैं। नींद ना पूरी होने के कारण सेहत पर भी काफी प्रभाव पड़ रहा है।
क्यों नहीं आती अच्छी नींद?
जैसा कि हम सब जानते हैं कि कुछ लोगों को रात में जल्दी नींद नहीं आती है या फिर कई बार सोते-सोते हल्की सी आवाज में ही उनकी नींद टूट जाती है। यह सब खराब स्लीप क्वालिटी के कारण होता है।
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क्या होती सोने में परेशानी?
अक्सर हम देखते हैं कि जिन लोगों की नींद सही से पूरी नहीं होती है वो लोग दिनभर चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं। साथ ही उनका काम पर ध्यान भी कम लग पाता है। सही से नींद ना आने के कारण आंखों के नीचे काले घेरे, सिर दर्द और सूजन जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
दिनभर एनर्जेटिक रहने के लिए रात में सही नींद लेना बहुत जरूरी है। आज हम आपको अच्छी नींद आने के एक शानदार फॉर्मूला के बारे में बताएंगे। हम बात कर रहे हैं 10-3-2-1 फॉर्मूला की।
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क्या है 10-3-2-1 फॉर्मूला?
10-3-2-1 फॉर्मूला की मदद से आप अपनी स्लीप क्वालिटी को बेहतर बना सकते हैं। आज हम आपको अपने इस लेख में 10-3-2-1 फॉर्मूला के बारे में डिटेल में बताएंगे। यह फॉर्मूला एक आसान और प्रभावी तकनीक है- जो आपके सोने के समय को बेहतर बनाने और आपकी दिनचर्या को अधिक संतुलित बनाने में मदद करता है। इस फॉर्मूला का उद्देश्य बेहतर नींद और अधिक उत्पादक दिनचर्या को प्रोत्साहित करना है। इस फॉर्मूला के चार हिस्से निम्नलिखित हैं: 10-3-2-1।
विशेषज्ञों का कहना है कि हमें सोने से 10 घंटे से पहले कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए। यह आपके ब्रेन में स्लीप प्रमोटिंग रिसेप्टर को ब्लॉक कर देता है। जो कि देर से नींद आने या फिर अच्छी नींद ना आने में रुकावट पैदा करता है।
अच्छी नींद लेने के लिए सोने से 3 घंटे पहले कुछ ना खाएं। रात में देर से खाना खाने का प्रभाव स्लीप पेटर्न पर पड़ता है। साथ ही शरीर में कोर्टिसोल और स्ट्रेस हार्मोन रिलीज होते हैं- जिससे डाइजेशन पर प्रभाव पड़ता है और नींद आने में दिक्कत होती है।
कई लोग ऐसे हैं जो रातभर काम खत्म होने के बाद सीधा बिस्तर पर लेट जाते हैं। जबिक, ऐसा नहीं करना चाहिए- ऐसा करने से एंजाइटी हो सकती है। इसलिए सोने से 2 घंटे पहले अपना सारा काम खत्म कर लेना चाहिए। ऐसा करने से आपको अच्छी नींद आएगी।
सबसे अहम और खास मोबाइल फोन का इस्तेमाल। सोने से 1 घंटे पहले ही अपने मोबइल फोन को खुद से दूर कर दें। यानी सोने से एक घंटे पहले स्क्रीन टाइम को टाटा बाय-बाय बोल दें। देर रात तक फोन चलाने से भी आपका स्लीप पैर्टन खराब होता है।
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क्या है 10-3-2-1 फॉर्मूला के फायदे?
10-3-2-1 फॉर्मूला के कई फायदे हैं, जो आपकी नींद की गुणवत्ता, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य, और दैनिक उत्पादकता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
इस फॉर्मूला का पालन करने से आपकी नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। कैफीन, भारी भोजन, और शराब से दूरी बनाकर और स्क्रीन टाइम को सीमित करके, आप अपने शरीर और दिमाग को आराम देने का समय देते हैं, जिससे गहरी और शांतिपूर्ण नींद मिलती है।
- शरीर की ऊर्जा में वृद्धि:
अच्छी और पर्याप्त नींद लेने से आपकी ऊर्जा का स्तर बढ़ता है। यह फॉर्मूला आपको सोने से पहले आराम करने का मौका देता है, जिससे आप सुबह तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करते हैं, जिससे आपका दिन अधिक उत्पादक बनता है।
10-3-2-1 फॉर्मूला में काम और स्क्रीन टाइम को सोने से पहले सीमित करने की सलाह दी जाती है, जिससे मानसिक तनाव और चिंता कम होती है। यह आपके दिमाग को शांत करता है और आपको मानसिक रूप से आराम देता है।
सोने से तीन घंटे पहले भोजन करना पाचन को बेहतर बनाता है। इससे अपच, एसिडिटी, और गैस जैसी समस्याएं कम होती हैं और आपके शरीर को रात भर बेहतर तरीके से आराम मिलता है।
सोने से पहले स्क्रीन टाइम को सीमित करने से आपकी आंखों को आराम मिलता है और डिजिटल डिटॉक्स का अवसर मिलता है। इससे मेलाटोनिन हार्मोन का उत्पादन बेहतर होता है, जो आपकी नींद की गुणवत्ता को बढ़ाता है।