शिमला। हिमाचल में बीत रोज आई प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को कभी ना भूलने वाले जख्म दे दिए हैं। सबसे अधिक जख्म रामपुर के समेज में बाढ़ के बाद बचे लोगों को मिले हैं। समेज के लोग जहंा रात को गहरी नींद में सो रहे थे। उसी बीच आई प्राकृतिक आपदा ने एक झटके में ही एक तांडव किया कि लोगांे को संभलने का भी मौका नहीं दिया। इस एक गांव के 18 परिवारों पर बुधवार की रात काल बन कर आई और करीब 36 लोगों को अपने साथ बहा कर ले गई।
एक ही परिवार के 12 लोग पानी में बहे
शिमला जिला के रामपुर उपमंडल के झाकड़ी मंे बादल फटने से समेज गांव का नामोनिशान ही मिट गया है। तीन परिवारों को सब कुछ ही खत्म हो गया है। समेज गांव के रहने वाले गोपाल और उसके बेटे के अलावा उनके घर में रहने वाले कुल 12 लोग सैलाब में बह गए हैं और उनका अभी तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। बताया जा रहा है कि गोपाल और उनका बेटा काम को लेकर घर से बाहर गए थे। जिसके चलते ही वह बच गए, जबकि उनके घर मंे रहने वाले पावर प्रोजेक्ट के सात कर्मचारी भी लापता हैं।
गोपाल की पत्नी बेटी सहित 12 लोग लापता
रात के अंधेरे में आए इस सैलाब में गोपाल की 37 वर्षीय पत्नी शिक्षा, 15 साल की बेटी जिया का 40 घंटों के बाद भी कुछ पता नहीं चल पाया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मलबे में लोगों की तलाश कर रही हैं, लेकिन अभी तक उनके हाथ कुछ नहीं लगा है। बताया जा रहा है कि समेज गांव का यह नाला आगे जाकर सतलुज नदी में मिलता है।
जयसिंह खुद तो बच गए पर पत्नी और चार और सात साल के बेटा बेटी लापता
ऐसा ही कुछ समेज गांव के जय सिंह के साथ भी हुआ है। जय सिंह का भी पूरा परिवार इस जल सैलाब में बह गया है। जय सिंह अपने घर गया था, उसने अपनी पत्नी कल्पना को भी साथ चलने को कहा था, लेकिन उसने जाने से मना कर दिया और सात वर्षीय बेटी अक्षिता और चार वर्षीय आदिव्क बेटे के साथ वहीं पर रूक गई। बुधवार की रात से यह तीनों भी लापता हैं।
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मलबे में पत्नी बच्चों को ढूंढ रहा जय सिंह
अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों को जयसिंह मलबे में तलाश कर रहा है, वह कभी भगवान को याद करता है तो कभी मलबे में अपनों की तलाश में जुट जाता है। जय सिंह ने बताया कि कल्पना का तबादल दूसरी जगह हो गया था और वह एक दो दिनों में वहां जाने वाली थी, लेकिन उससे पहले की कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि उसका हंसता खेलता परिवार उजड़ गया।
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सूरत राम के घर आए थे मेहमान परिवार सहित वह भी लापता
इसी तरह से अशोक कुमार का भी पूरा परिवार बाढ़ की चपेट में आ गया है। घर पर ना होने की वजह से अशोक खुद तो बच गए, मगर उनकी पत्नी अनिता (40), बेटी योग प्रिया (11) और बेटा मुकेश (19) लापता है। साथ ही सूरत राम का परिवार भी आ बाढ़ की चपेट में आ गया है।
सूरत राम (58) समेत उनकी पत्नी संतोष (54), बेटा नीरज कुमार (30), छोटे बेटे की पत्नी रचना (23) और घर पर निरमंड से आए मेहमान वेदराज (55) भी मलबे में दब गए। अब सूरत राम के परिवार में उसका छोटा बेटा राजेश कुमार और बड़े बेटे की पत्नी और पोता बचे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में बारिश डाल रही खलल
बता दें कि एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मलबे में लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं। लेकिन भारी बारिश इसमें बाधा उत्पन्न कर रही है। आज सुबह छह बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था, लेकिन इसी बीच भारी बारिश शुरू हो गई, जिसके चलते बीच में रेस्क्यू ऑपरेशन को रोकना पड़ा है।