शिमला। राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद अवैध निर्माण मामले के बाद अब पुलिस ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। आज शुक्रवार को संजौली मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा करने आए कई समुदाय विशेष के लोगो को वापस भेज दिया। बहुत कम लोग ही आज संजौली मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा कर सके।
पुलिस के पहरे में हुई संजौली मस्जिद में जुम्मे की नमाज
दरअसल पुलिस ने शुक्रवार को संजौली मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा करने आने वाले समुदाय विशेष के लोगों सत्यापन और पंजीकरण चेक किया। जिन लोगों ने अभी तक पंजीकरण नहीं करवाया था, पुलिस ने उन्हें संजौली मस्जिद के अंदर नहीं जाने दिया और उन्हें वापस भेज दिया। आज मस्जिद में करीब 80 लोगों ने ही जुम्मे की नमाज अदा की, जबकि बिना पंजीकरण व सत्यापन करवाने वाले 20 से ज्यादा लोगों को पुलिस ने वापस भेज दिया।
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सत्यापन करवाने वाले ही अदा कर पाए जुम्मे की नमाज
पुलिस का कहना है कि पंजीकरण व सत्यापन करवाने वाले ही अगले शुक्रवार को भी जुम्मे की नमाज अदा कर सकेंगे। बिना पंजीकरण लोगों को अगली बार भी नमाज पढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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बता दें कि आज शुक्रवार को संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण पर उठे विवाद पर यहां भारी पुलिस तैनात की गई थी। शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के कारण मस्जिद के बाहर सुबह से ही अतिरिक्त पुलिस तैनात की गई थी। दोपहर 1:00 बजे से मस्जिद में नमाज पढ़ने के लिए लोगों की आवाजाही शुरू हो गई।
देवभूमि संघर्ष समिति ने किया हनुमान चालीसा का पाठ
वहीं दूसरी तरफ आज देवभूमि संघर्ष समिति ने संजौली में अवैध मस्जिद मामले को लेकर लक्ष्मीनारायण मंदिर संजौली में सरकार व प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया। हालांकि पुलिस ने प्रशासन की सद्बुद्धि के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करने के आह्वान के बाद कुछ लोगों को डिटेन किया था।
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सरकार पर भेदभाव करने का लगाया आरोप
जिसके विरोध स्वरूप देवभूमि संघर्ष समिति के लोगों ने विरोध में पुलिस चौकी संजौली के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ किया। देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने बताया कि पुलिस के द्वारा बेवजह उनके लोगों को डिटेन किया गयाए महिलाओं को पुलिस थाने में बिठाकर रखा गया।
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उन्होंने कहा कि ये सरकार भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है। पुलिस सनातन धर्म के लोगों को प्रताड़ित करने का काम कर रही हैए जबकि एक बाहर से आए व्यक्ति को राज्य अतिथि के रूप में मस्जिद में जाने दिया जाता है।