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August 23, 2024

CM सुक्खू के मंत्री पर फूटा कर्मचारियों का गुस्सा, बोले- हम आपके नौकर हैं क्या?

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला स्थित सचिवालय में DA, एरियर और अन्य मांगो को लेकर आज भी कर्मचारियों ने सरकार को खूब घेरा है। प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ ने सरकार के खिलाफ खूब नारेबाजी की और सरकार को ललकारते हुए चेताया है कि यदि सरकार उनका हक छिनती है तो आने वाले समय में कर्मचारी उग्र प्रदर्शन करेंगे। महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने मीडिया से बातचीत में बताया कि कांग्रेस सरकार में कर्मचारियों की अनदेखी की जा रही है, जिसे किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। संजीव शर्मा ने कहा कि 21 अगस्त को हुई गेट मीटिंग के बाद कर्मचारियों को आस थी कि सरकार बातचीत के लिए उन्हें बुलाएगी, लेकिन ना तो सरकार की ओर से टेबल टॉक का न्योता आया ना ही मुख्यमंत्री सुक्खविंदर सिंह सुक्खू उनसे मिलने आएं। यह भी पढ़ें: 8 महीने के बच्चे को रोता छोड़ प्रेमी संग फरार हुई पत्नी, दर-दर भटक रहा पति

हम आपके नौकर हैं क्या?

प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने सरकार के मंत्रियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार में बैठे मंत्री ही सरकार गिराने की कोशिश कर रहें हैं। राजेश धर्माणी द्वारा पिछले कल कर्मचारियों के खिलाफ दिए गए बयान पर संजीव शर्मा ने कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि- "आप ठेकेदार है क्या या हम आपके नौकर है। तुम्हारा दिल करेगा तो सैलरी काट देंगे और दिल करेगा तो सैलरी बढ़ा दी जाएगी।" कर्मचारी नेता ने कहा कि- "धीरे-धीरे सरकार के मंत्रियों की पोल खुलती नजर आ रही है प्रदेश की जनता के लिए पैसा नहीं है लेकिन अपने खर्चों के लिए पैसा है." यह भी पढ़ें: हिमाचल में फिर बिगड़ेगा मौसम, 3 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी

आपदा का करोड़ों रुपए लैप्स

सरकार पर आरोप लगाते हुए संजीव शर्मा ने कहा कि- "आपदा के समय आए पैसे में से 114 करोड़ रूपए को लैप्स कर दिया गया। बचाव-राहत कार्य में जो पैसा जनता को दिया जाना था अधिकारियों की नालायकी के कारण वह पैसा लैप्स हो गया। " यह भी पढ़ें: पब्बर नदी में गिरी कार, पति-पत्नी की गई जा.न, डेढ़ साल की बच्ची लापता

अफसरों को बार-बार इंगेज कर रही सरकार

महासंघ के अध्यक्ष ने आगे कहा कि- "बेरोजगारी की ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा। CM सुक्खू पर आरोप लगाते हुए संजीव शर्मा ने कहा कि प्रधान सलाहकार राम सुभाग शर्मा को रिइंगेजमेंट दी जा रही है। क्या जरूरत है अफसरों को बार-बार इंगेज करने की। धर्मशाला में आयुर्वेद विभाग में एक OSD की तैनाती की गई है। रिटायर्ड अफसर को 80 हजार रुपए तनख्वाह दी जा रही है।"

बातचीत के लिए महासंघ तैयार

वहीं, संजीव शर्मा ने आगे कहा कि- "हम चाहते है कि सरकार से बातचीत कर समस्या का हल निकाल लिया जाए। डीए और एरियर तो हम लेकर ही रहेंगे। ये हमारा हक है, हम खैरात नहीं मांग रहें है। " हालांकि इस पूरे मामले ने CM सुक्खू की चिंता को बढ़ा दिया है। कर्मचारी अपनी मांगों से पीछे हटने को तैयार नहीं है। वहीं, सरकार द्वारा कर्मियों को दी जा रही नसीहत भी कर्मचारी लेने को तैयार नहीं है। यह भी पढ़ें: झूठी निकली सुक्खू सरकार! पक्की नौकरी का वादा कर आउटसोर्स पर भर रही 458 पद

राजेश धर्माणी पर क्यों भड़कें कर्मचारी

दरअसल हिमाचल प्रदेश में लंबित डीए और एरियर की मांग को लेकर कर्मचारी वर्ग सड़कों पर उतरा हुआ है। सरकार और कर्मचारी वर्ग के बीच टकरार जैसी स्थिति बनी हुई है। इस स्थिति को सुक्खू सरकार के एक मंत्री ने और भी गंभीर बना दिया हैं। कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने बीते रोज ही डीए और एरियर की मांग कर रहे कर्मचारियों को अपने तीखे तेवर दिखाए थे और कर्मचारियों को नसीहत तक दे दी थी। यह भी पढ़ें: सुक्खू के मंत्री की कर्मचारियों को नसीहत, “हमारे पास नहीं है नोट छापने की मशीन”

कर्मचारी वर्ग ने क्या दी है चेतावनी

मंत्री राजेश धर्माणी के इस बयान के बाद अब कर्मचारी वर्ग भड़क गया है। आज शुक्रवार को शिमला में सरकारी कर्मचारियों ने एक बार फिर सड़क पर उतर कर मंत्री राजेश धर्माणी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने मंत्री धर्माणी को माफी मांगने को कहा है, अन्यथा परिणाम भुगतने की चेतावनी दे डाली है। कर्मचारियों ने कहा है कि डीए और एरियर देने में सरकार जितनी देरी करेगी, सरकार की उतनी ही परते खुलती जाएंगी। यह भी पढ़ें: CM सुक्खू को किसने दिया OPS बंद करने का सुझाव: क्या पहली गारंटी से भी पलट जाएंगे ?

क्या बोले थे राजेश धर्माणी

मंत्री ने कहा था कि कर्मचारियों को वर्तमान में जो लाभ मिल रहे हैं अगर वह चाहते हैं कि उन्हें यह लाभ मिलते रहें तो उन्हें सरकार के साथ खड़ा होना पड़ेगा। सरकार के पास सीमित विकल्प हैं। अगर कर्मचारी सरकार का साथ नहीं देते हैं तो आने वाले समय में उनको मिलने वाले लाभों में भी कटौती हो सकती है। मंत्री जी ने कहा है कि हमारे पास जितना पैसा आएगाए हम उतना ही पैसा खर्च कर सकते हैंए हमे नोट छापने की आजादी नहीं है।

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