शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण मामले की आज जिला कोर्ट में सुनवाई हुई। यह सुनवाई नगर निगम आयुक्त कोर्ट द्वारा मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलों को गिराने के आदेशों पर स्टे वाली याचिका पर हुई। पिछली सुनवाई में लोकल रेजिडेंट ने भी इस मामले में पार्टी बनाए जाने के लिए आवेदन किया था।
कोर्ट ने खारिज की लोकल रेजिडेंट की अर्जी
आज की सुनवाई में जिला कोर्ट ने लोकल रेजिडेंट द्वारा इस केस में पार्टी बनाए जाने के आवेदन को खारिज कर दिया है। अब जिला अदालत ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी की याचिका की मैंटेनेबिलिटी पर सोमवार को अपना फैसला सुना सकती है। इस मामले की अगली सुनवाई सोमवार को रखी गई है।
आपको बता दें कि बीती 11 नवंबर को स्थानीय निवासियों ने इस केस में पार्टी बनने के लिए अर्जी दी थी। संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण की सुनवाई के दौरान नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने 5 अक्टूबर को अपना फैसला सुनाया था।
संजौली मस्जिदद विवाद में कब कब क्या क्या हुआ
- 31 अगस्त को शिमला के मैहली में दो गुटों में मारपीट की हुई घटना
- इसी दिन पुलिस ने मस्जिद के अंदर से गिरफ्तार किए छह आरोपी
- मस्जिद में आरोपियों को छिपाने के स्थानीय लोगों ने लगाए आरोप
- पहली सितंबर को श्मिाला के चौड़ा मैदान में हिंदु संगठनों और स्थानीय लोगों ने किया प्रदर्शन
- 7 सितंबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में हुई मामले की सुनवाई
- 11 सितंबर को हिंदू संगठनांे ने किया उग्र आंदोलन
- बेकाबू भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने किया लाठीचार्ज
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किस मामले पर आएगा फैसला?
कोर्ट ने मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलों को मस्जिद कमेटी को अपने खर्चे पर गिराने के आदेश दिए थे। मगर उसके बाद ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के प्रमुख नजाकत अली ने नगर निगम आयुक्त के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दे दी।
मस्जिद तोड़ने पर मांगा स्टे
नज़ाकत अली हाशमी ने कहा था कि जिला आयुक्त ने मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष द्वारा दिए गए हल्फनामे के आधार पर अपना फैसला सुनाया है। जबकि मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष ने हल्फनामा बिना कमेटी की रजामंदी के दिया था। जिस पर उन्होंने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त के फैसले पर स्टे की मांग की थी।
- 5 अक्तूबर को निगम आयुक्त ने तीन मंजिलों को गिराने के दिए आदेश
- 18 अक्तूबर को हिमाचल हाईकोर्ट पहुंचा लोकल रेजिडेंट
- हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में केस निपटाने के दिए आदेश
- 30 अक्तूबर को मुस्लिम वेलफेयर ने जिला अदालत में अपील कर मांगी स्टे
- 6 नवंबर को जिला अदालत ने स्टे देने से किया इंकार
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कब तक होना चाहिए केस का निपटारा?
संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण का यह मामला नगर निगम शिमला आयुक्त की कोर्ट में सारल 2010 से चल रहा है। बावजूद इसके कोई अंतिम फैसला ना आने के चलते लोकल रेजिडेंट ने 21 अक्टूबर को हिमाचल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इस मामले का फैसला जल्द से जल्द सुनाने के एमसी आयुक्त को आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने आयुक्त कोर्ट को आठ सप्ताह में इस केस को निपटाने को कहा था। यानी 20 दिसंबर से पहले इस मामले का निपटारा करने को कहा है।
हालांकि, नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया था, लेकिन इसी बीच ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर कमेटी द्वारा जिला अदालत में स्टे की मांग से अब यह मामला और लंबा होता दिख रहा है। अब देखना यह है कि जिला अदालत आज इस मामले में क्या फैसला देता है।