शिमला। हिमाचल प्रदेश में कई दिनों से पेंशन का इंतजार कर रहे पेंशनर्स के मोबाइल फोन परआज दोपहर तक सुखद संदेश आ सकता है। प्रदेश में आज नवरात्र के सातवें दिन पौने दो लाख सेवानिवृत कर्मचारियों के खाते में पेंशन क्रेडिट हो जाएगी।
पेंशनर्स को मिल सकती है राहत
ऐसे में फेस्टिवल सीजन में लाखों पेंशनर्स को राहत मिलने वाली है। हिमाचल में करीब सवा दो लाख सरकारी कर्मियों के खाते में इस महीने की पहली तारीख को सैलरी डाली जा चुकी है।
यह भी पढ़ें : हिमाचल : फैक्ट्री के मजदूरों को नशा सप्लाई करता था विनोद, खेप के साथ हुआ अरेस्ट
1 तारीख को मिल गई थी सैलरी
बता दें कि प्रदेश में वित्तीय खजाने की सेहत ठीक नहीं होने से सितंबर महीने में राज्य के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि अगस्त महीने का वेतन सितंबर में 5 तारीख को और पेंशन 10 तारीख को डाली गई थी। इस महीने कर्मचारियों के खाते में पहली तारीख को सैलरी डल गई थी, लेकिन सुक्खू सरकार ने पेंशनरों के खाते में 9 अक्टूबर को पेंशन डालने का भरोसा दिया है।
विदित रहे कि, हिमाचल में हर महीने वेतन पर 1200 करोड़ रुपये और पेंशन पर 800 करोड़ रुपये खर्च होता है। राज्य सरकार के खजाने में 5 तारीख को केंद्र से रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट के रूप में 520 करोड़ रुपये क्रेडिट होते हैं। इसके बाद 10 तारीख के आसपास केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के रूप में लगभग 740 करोड़ रुपये आते हैं।
यह भी पढ़ें : हिमाचल में 8-IAS, 1-IFS का तबादला, जानिए किसे कहां मिली पोस्टिंग
राज्य में आर्थिक संकट
इसके अलावा राज्य के खुद के टैक्स और नॉन-टैक्स रेवेन्यू से अधिकतम 1200 करोड़ रुपये का राजस्व आता है। वर्तमान में राज्य सरकार की लोन लिमिट 1617 करोड़ रुपये बची है, जो दिसंबर 2024 तक की है। ऐसे में राज्य में आर्थिक संकट से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी वजह से कर्मचारियों और पेंशनरों में ये उत्सुकता और चिंता बनी रहती है कि क्या हर महीने पहली तारीख को वेतन और पेंशन खाते में आएगी।
हिमाचल के पूर्व वित्त सचिव केआर भारती का कहना है कि सरकार के पास पैसे जुटाने के कई विकल्प होते हैं। वित्त विभाग कई तरीकों से रकम जुटा सकता है। यह सरकार की इच्छा और इच्छाशक्ति पर निर्भर करता है कि वेतन और पेंशन की देनदारी के लिए क्या इंतजाम किए जाते हैं। ऐसे में यह कहना कि पहली तारीख को वेतन और पेंशन नहीं मिलेगी, उचित नहीं है।