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October 5, 2024

शिमला की संजौली मस्जिद पर आया बड़ा फैसला, तीन मंजिलों को तोड़ने के आदेश

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शिमला। हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर आज नगर निगम आयुक्त की कोर्ट में सुनवाई हुई। सुबह हुइ इस मामले की सुनावाई दोबारा चार फिर से शुरू हुई थी। जिसके बाद नगर निगम आयुक्त की कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। नगर निगम आयुक्त ने संजौली मस्जिद में अवैध तरीके से बनाई गई मंजिलों को गिराने का आदेश दिया है।

तीन मंजिलें गिराने के आदेश

दोपहर चार बजे दोबारा शुरू हुई सुनवाई में शिमला नगर निगम के आयुक्त कोर्ट ने संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर एक बड़ा दे दिया। शनिवार को नगर निगम आयुक्त ​​​​​​ने अवैध रूप से बनाई गई 3 मंजिल को गिराने के आदेश दिए। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी द्वारा दिए गए आवेदन पर सुनवाई करते हुए मस्जिद की दूसरी, तीसरी और चौथी मंजिल को गिराने का आदेश दिया है। मस्जिद कमेटी को अब इन तीनों मंजिलों को अगले दो महीनों के अंदर गिराना होगा। कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को अपने खर्चे पर अवैध हिस्से को गिराने को कहा। इस मामले में संजौली की मस्जिद कमेटी ने बीते 12 सितंबर को खुद ही एक एप्लिकेशन नगर निगम आयुक्त को दी थीए जिसमें टॉप की 3 मंजिल को गिराने की पेशकश की गई थी।

21 दिसंबर को होगी मामले में अगली सुनवाई

इसी अंडरटेकिंग के आधार पर एमसी आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने फाइनल ऑर्डर से पहले अंतरिम आदेश जारी किए। अब इस मामले में अगली सुनवाई 21 दिसंबर को होगी।

लोकल रेजिडेंट की अर्जी खारिज

वहीं कोर्ट ने संजौली मस्जिद के आसपास रह रहे लोकल रेजिडेंट की इस केस में पार्टी बनने की अर्जी को खारिज कर दिया। इससे पहले अदालत में लोकल रेजिडेंट को पार्टी बनाने की अर्जी को लेकर सवा घंटे बहस हुई। मस्जिद मामले में अभी डिटेल ऑर्डर आना बाकी है।

हिंदू संगठनों ने ली राहत की सांस

बता दंे कि हिंदू संगठनों सहित लाखों लोगों की नजरें आज नगर निगम आयुक्त में इस मामले की चल रही सुनवाई पर टिकीं हुई थी। हर कोई मस्जिद पर अवैध तरीके से बनाई गई तीन मंजिलों को गिराने के आदेश सुनना चाहता था। एमसी आयुक्त की कोर्ट से फैसला सामने आते ही अब हिंदू संगठनों सहित स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली है।

एमसी आयुक्त की कोर्ट में आज सुबह शुरू हुई थी सुनवाई

राजधानी शिमला की संजौली अवैध मस्जिद पर आज शनिवार को नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हुई। इस पर पूरे प्रदेश के हिंदू समाज की नजरें टिकी हुई थी। आज की सुनवाई में लोकल रेजिडेंट को इस केस में पार्टी बनाने को लेकर बहस हुई। दोनों पक्षों में करीब सवा घंटा बहस चली।

चार बजे फिर हुई मामले की सुनवाई

आज की सुनवाई में कमिश्नर के आदेश पर संबंधित एरिया के जूनियर इंजीनियर ने मस्जिद के निर्माण की पैमाइश कर रिपोर्ट तैयार की थी, इस रिपोर्ट को भी आज कोर्ट में पेश किया गया। अब एमसी आयुक्त भूपेंद्र अत्री दोपहर बाद चार बजे लोकल रेजिडेंट को पार्टी बनाए जाने को लेकर फैसला सुनाएंगे। इसके बाद मामले में दोबारा सुनवाई शुरू होगी। दरअसल, संजौली मस्जिद के आसपास के लोगों ने पिछली सुनवाई में पार्टी बनने को आवेदन किया था।

क्या बोले स्थानीय लोगों के वकील

लोकल रेजिडेंट के एडवोकेट जगत पाल ने कहा कि वक्फ बोर्ड का इस प्रॉपर्टी से कुछ लेना देना नहीं है। तथाकथित मस्जिद कमेटी ने सरकारी जमीन पर मस्जिद बनाई है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय खुद अवैध निर्माण तोड़ने को कह चुका है। लिहाजा अवैध हिस्से को गिराने के जल्द आदेश होने चाहिए।

कब कब क्या क्या हुआ

  • अवैध मस्जिद निर्माण की 2010 में नगर निगम के पास पहुंची थी शिकायत
  • 2010 से 2020 तक मस्जिद पर अवैध तरीके से बना दी पंाच मंजिल
  • एमसी कोर्ट में 2010 से चल रहा मामला
  • एमसी कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को 2010 के बाद से 35 बार भेजे नोटिस
  • एमसी कोर्ट में संजौली मस्जिद को लेकर 45 बार हुई सुनवाई

छह माह में होनी चाहिए थी कार्रवाई

सुनवाई के दौरान स्थानीय लोगों के पक्ष के वकील जगत पाल ने कहा कि एमसी एक्ट के अनुसार इस मामले की छह माह के अंदर कार्रवाई की जानी चाहिए थी। लेकिन यह मामला पिछले 15 साल से चल रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एमसी ने 2011 मे इस मामले में पहला नोटिस जारी किया था, तो 2018 तक इस मस्जिद की पांच मंजिला कैसे बना दी गईं। यह भी पढ़ें : हिमाचल में रेत, बजरी हो सकती है महंगी- खनन पर लगेंगे 3 तरह के शुल्क

मस्जिद का बिजली पानी क्यों नहीं काटा गया

स्थानीय लोगों के वकील ने कहा कि 1997 98 में मालिक हिमाचल सरकार कब्जा आइले इस्लाम, मस्जिद नहीं थी। जिसके अनुसार पूरी मस्जिद अवैध है। जिसमें अवैध गतिविधियां हो रही है। बिजली पानी नही काटा गया?  क्यों वक्फ बोर्ड के पास अवैध मस्जिद की जमीन को छोड़कर 156 बीघा जमीन हैं। संजौली के स्थानीय निवासी इसमें पार्टी है। जिसमें आरती गुप्ता का नाम मुख्य है। भले ही हमें पार्टी न बनाएं लेकिन मस्जिद तोड़ दी जाए। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पहले दोनों दोस्तों ने साथ में पी शराब, फिर एक ने ली दूसरे की जा*न

क्या बोले वक्फ बोर्ड के वकील

जबकि वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा कि जो भी अवैध निर्माण हुआ है उस पर एमसी कोर्ट फ़ैसला लेगा। जो लोग केस में सामने आ रहें हैंए वह बताएं कि वह कैसे पार्टी हैं। इस मामले में नई पार्टी की जरूरत ही नही है। मामला पहले ही एमसी और वक्फ बोर्ड के बीच चल रहा है। ऐसे में सीधे आरोप लगाना सही नही है। यह भी पढ़ें : CM सुक्खू के गृह जिला में बिजली चोरी करते पकड़े दो उपभोक्ता, लगाया अढ़ाई लाख जुर्माना

सात सितंबर को हुई थी सुनवाई

इससे पहले 7 सितंबर को मामले की सुनवाई हुई थी। आज हुई सुनवाई में दोनों पक्षों को सुनने के बाद एमसी कोर्ट ने आज शाम चार बजे फिर मामले की सुनवाई रखी है। स्थानीय लोगों को पार्टी बनने पर भी चार बजे ही फैसला होगा।

क्या बोले मस्जिद के इमाम

मस्जिद के इमाम शहजाद ने इस मामले में कहा कि मस्जिद 1947 से पहले की है। पहले यह मस्जिद कच्ची थी और 2 मंजिल की थी। लोगों को मस्जिद के बाहर नमाज पढ़नी पढ़ती थी। जिससे दिक्कतें आती थीं। इसे देखते हुए लोगों ने चंदा इकट्ठा किया और मस्जिद निर्माण शुरू किया। जमीन वक्फ बोर्ड की थी, जिस पर 2 मंजिल पहले से बनी थीं। मस्जिद की 2 मंजिल को लेकर मामला कोर्ट में चल रहा है। कानून का जो निर्णय होगा, वो सभी को मंजूर होगा।

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