शिमला। हर साल कर्ज के बढ़ते बोझ के तले दब रहा हिमाचल प्रदेश असल में एक अमीर राज्य है। हिमाचल प्रदेश की धरती के नीचे अरबों का खजाना दबा हुआ है। अगर हिमाचल सरकार इस खजाने को निकालती है तो हिमाचल शायद देश के सबसे अमीर राज्यों में नंबर वन बन जाएगा। हिमाचल प्रदेश के चार जिला हमीरपुर, ऊना, शिमला, कुल्लू और मंडी में टनों के हिसाब से यूरेनियम मिला है।
संसद में गूंजा हिमाचल में मिले यूरेनियम का मुद्दा
इस बात का खुलासा हिमाचल के राज्यसभा सांसद डॉ सिकंदर कुमार के जवाब में राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने किया। डॉ जितेंद्र सिंह ने बताया कि परमाणु ऊर्जा विभाग की एक संघटक इकाई परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय (एएमडी) ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश में प्रारंभिक निरीक्षण किया है, जिसमें चार जिला में यूरेनियम पाए जाने का पता चला है।
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हिमाचल की 11 जगहों में 784 टन यूरेनियम का अनुमान
हिमाचल के चार जिला के 11 ऐसे स्थान हैं, जहां यूरेनियम मौजूद है। अभी तक के निरीक्षण में कुल 784 टन यूरेनियम ऑक्साइड स्त्रोत का अनुमान लगाया गया है। राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि ऊना के राजपुरा, शिमला के कशा-कलाडी और मंडी के तलेली में यूरेनियम निक्षेप स्थापित हैं।
इनसे 784 टन यूरेनियम ऑक्साइड स्रोत का अनुमान लगाया है। राजपुरा में 364 टनए कशा कलाड़ी में 200 टन और तलेली में 220 टन यूरेनियम ऑक्साइड शामिल है। अभी यूरेनियम उपचार संयंत्र की योजना नहीं बनाई है।
यूरेनियम का परमाणु बम बनाने में कर सकते हैं इस्तेमाल
हिमाचल प्रदेश में करीब 11 जगहों पर यूरेनियम के भंडार होने की संभावना है। इनमें से मंडीए हमीरपुर व ऊना के कुछ भंडारों का तो पता लगाया गया है। रामपुर के नजदीक नोगली तथा काशा पाट में भी यूरेनियम होने का अनुमान है। यहां मिले यूरेनियम को हैवी मैटल कहा जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसका इस्तेमाल परमाणु बम बनाने में किया जा सकता है।