शिमला। हिमाचल की महिलाओं को नए वित्त वर्ष यानी पहली अप्रैल 2024 से 1500-1500 रुपए मिलने शुरू हो जाएंगे। इन पैसों को लेने के लिए महिलाओं को फार्म भर कर देना होगा। यह
फार्म भरने के बाद तहसील कल्याण अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाने होंगे। जिसके बाद
फॉर्मों को सत्यापन किया जाएगा। जिसके बाद महिलाओं के खाते में पैसे आना शुरू हो जाएंगे।
कांग्रेस ने किया था वादा
बता दें कि हिमाचल में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने गारंटी के रूप में महिलाओं को 1500 1500 रुपए देने का वादा किया था। सरकार बनने के बाद सीएम सुक्खू ने कुछ दिन पहले ही हिमाचल की महिलाओं को इंदिरा गांधी प्यारी बहना योजना के तहत 1500-1500 देने का ऐलान किया। इस योजना के उन महिलाओं और युवतियों को यह पैसे मिलेंगे, जिनकी उम्र 18 साल से अधिक है और 60 साल से कम है।
महिलाओं को भरना होगा फॉर्म
इस योजना का लाभ लेने के लिए हिमाचल की महिलाओं को फॉर्म भर कर आवेदन करना होगा। इसके लिए प्रदेश की सुक्खू सरकार ने पर्मफार्मा भी जारी कर दिया है। इसमें महिलाओं को अपने परिवार की जानकारी देनी होगी।
महिलाओं को बताना होगा कि वह किस वर्ग में आती हैं, उनकी जाति क्या है और उनके परिवार का कौन-कौन सदस्य सरकारी नौकरी, बोर्ड, निगम, आउसोर्स या अन्य नौकरी पर है।
इसके अलावा फॉर्म के साथ कुछ अन्य
प्रमाण पत्र भी लगाने होंगे। जिसमें आवेदनकर्ता का परिवार नकल सहित आधार कार्ड और बैंक खाता नंबर और आईएफसी कोड भी देना होगा। अधिकारियों द्वारा फॉर्म और प्रमाणपत्रों की सत्यापना के बाद महिलाओं के खाते में पैसे आना शुरू हो जाएंगे।
यह डॉक्यूमेंट भी हैं जरूरी
योजना का लाभ लेने के लिए आयु प्रमाण पत्र, हिमाचली बोनोफाइड सर्टिफिकेट भी जमा करवाना होगा। वहीं, बोद्ध भिक्षुओं के लिए मठ की तरफ से सत्यापन किया जा सकता है। वहीं, अन्य महिलाओं को तहसील कल्याण अधिकारी के पास आवेदन करना होगा। अहम बात यह है कि महिला के परिवार का को कोई भी सदस्य यदि केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी है तो उसे लाभ नहीं मिलेगा।
इसके अलावा, पेंशनर, अनुबंध, आउटसोर्स, दैनिक वेतनभोगी, अंशकालिक वर्ग के कर्मचारी होने पर महिलाओं को 1500 रुपये नहीं मिलेंगे। वहीं, भूतपूर्व सैनिक और सैनिक विधवा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता-सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील, मल्टी टास्क वर्कर, पेंशनभोगी, पंचायती राज, शहरी स्थानीय निकायों के कर्मचारी भी योजना का लाभ नहीं उठा पाएंगे। उधर, टैक्स देने वाले परिवारों की महिलाओं को भी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।