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August 23, 2024

हिमाचल में भी मंकी पॉक्स का अलर्ट: नई बीमारी के बारे में सबकुछ जानें

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शिमला। हिमाचल प्रदेश स्वास्थ्य विभाग सीजनेबल बीमारियों को लेकर समय-समय पर अपनी एडवाइजरी जारी करता रहता है। पहले जहां स्क्रब टायफस व डेंगू आदि की बीमारियों से बचाने के लिए विभाग ने जनता को सचेत किया, वहीं अब एक अन्य बीमारी मंकी पॉक्स वायरल को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है।

हिमाचल में मंकी पॉक्स?

आपको बता दें कि इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव हिमाचल प्रदेश के अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई। जिसमें मंकी पॉक्स बीमारी से संबंधित लक्षणों की संवदेनशीलता के संबंध में अवगत करवाया गया। मंकी पॉक्स बीमारी से संबंधित पर्याप्त तैयारी रखने के निर्देश दिए गए। बैठक में फील्ड स्टाफ से जिलों में बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए गए। साथ ही जिला स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं में बुखार, संबंधित सभी रोगसूचक मामलों की मंकी पॉक्स बीमारी के लिए जांच करने को कहा गया। इसके अलावा सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों में कम से कम 5 से 6 आइसोलेशन बेड की सुविधा रखने के निर्देश दिए गए।

गंभीर संक्रमण हो सकता है मंकीपॉक्स

मंकीपॉक्स एक गंभीर संक्रमण हो सकता है, लेकिन समय पर लक्षणों की पहचान और उचित बचाव उपायों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। स्वच्छता और सतर्कता इस संक्रमण से बचाव के लिए महत्वपूर्ण हैं। यदि मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

क्या होता है मंकीपॉक्स?

मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरल संक्रमण है-जो मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है। यह वायरस चेचक (स्मॉलपॉक्स) के वायरस के समान परिवार से संबंधित है, लेकिन यह आमतौर पर कम गंभीर होता है। मंकीपॉक्स मुख्य रूप से पश्चिम और मध्य अफ्रीका के कुछ हिस्सों में पाया जाता है, लेकिन हाल के वर्षों में यह अन्य देशों में भी फैलने लगा है। यह भी पढ़ें: CM सुक्खू को किसने दिया OPS बंद करने का सुझाव: क्या पहली गारंटी से भी पलट जाएंगे ?

मंकीपॉक्स के लक्षण:

बुखार: संक्रमण के 5-21 दिन बाद बुखार होना मंकीपॉक्स का पहला लक्षण हो सकता है। यह बुखार 1-3 दिनों तक बना रह सकता है। सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द: बुखार के साथ सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और पीठ दर्द भी हो सकता है। थकान और कमजोरी: संक्रमित व्यक्ति को अत्यधिक थकान, कमजोरी, और ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है। सूजी हुई लसीका ग्रंथियां: मंकीपॉक्स के अन्य लक्षणों में से एक है लसीका ग्रंथियों का सूजना, जो अक्सर गर्दन, कांख, और कमर के क्षेत्र में होता है।

त्वचा पर चकत्ते और दाने:

बुखार के 1-3 दिनों बाद चेहरे, हाथ, और शरीर के अन्य हिस्सों पर चकत्ते और दाने दिखाई देने लगते हैं। ये चकत्ते अक्सर चेचक के दानों की तरह होते हैं और द्रव से भरे में बदल सकते हैं। यह चकत्ते शुरुआत में चेहरे पर दिखते हैं, फिर शरीर के अन्य हिस्सों, विशेष रूप से हाथों और पैरों पर फैल सकते हैं। दाने का चरण: फफोले धीरे-धीरे पपड़ी में बदल जाते हैं और अंततः गिर जाते हैं। यह चरण आमतौर पर 2-4 सप्ताह तक रहता है।

मंकीपॉक्स से बचाव के उपाय:

संक्रमित जानवरों से दूरी: मंकीपॉक्स मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों (जैसे, बंदर, गिलहरी, और कृंतक) के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित जानवरों से दूरी बनाए रखना चाहिए और उन्हें छूने से बचना चाहिए। संक्रमित व्यक्तियों से बचाव: मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क (जैसे, त्वचा से त्वचा का संपर्क, दूषित वस्त्रों, या श्वसन बूंदों के संपर्क में आने) से भी फैल सकता है। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना चाहिए और उनके उपयोग की वस्त्रों से बचना चाहिए। स्वच्छता का ध्यान रखना: हाथों को साबुन और पानी से बार-बार धोना चाहिए, खासकर संक्रमित व्यक्ति या जानवर के संपर्क में आने के बाद। मास्क और दस्ताने पहनना चाहिए यदि किसी संक्रमित व्यक्ति की देखभाल कर रहे हों। टीकाकरण: चेचक का टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करता है। यदि आपके क्षेत्र में मंकीपॉक्स का प्रकोप है, तो डॉक्टर से टीकाकरण के बारे में परामर्श करें। संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेट करना: यदि किसी व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखाई दें, तो उसे तुरंत आइसोलेट कर देना चाहिए और डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए ताकि संक्रमण दूसरों तक न फैले।

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