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November 15, 2024

इन निजी वाहन चालकों को राहत, नहीं देना पड़ेगा टोल टैक्स; जानें क्या है मोदी योजना

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शिमला/नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजमार्गों पर पर चलते हुए अकसर आपने टोल बैरियर देखे होंगे, जहां पर वाहन चालकों से टोल टैक्स वसूला जाता है। लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार ने अब टोल टैक्स पर एक बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकर के इस फैसले से कई निजी वाहन चालकों को टोल टैक्स देने से राहत मिलेगी। इसको लेकर केंद्रीय सड़क और परिवहन मंत्रालय ने एक नई अधिसूचना जारी की है।

इन निजी वाहन चालकों को नहीं देना पड़ेगा टोल टैक्स

दरअसल हिमाचल के साथ साथ पूरे देश में अब ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) का उपयोग करने वाले निजी वाहन चालकों को टोल टैक्स नहीं देना होगा। इसके अलावा यदि यह वाहन चालक किसी टोल रोड पर 20 किलोमीटर या इससे कम की दूरी तय करते हैं तो उन्हें टोल टैक्स से राहत मिलेगी। मोदी सरकार के इस फैसले से देश भर के करोड़ों निजी वाहन चालकों को राहत मिलेगी।

20 किलोमीटर तक टोल मुक्त यात्रा का मिलेगा लाभ

केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी क गई अधिसूचना के अनुसार अब जो जिन भी निजी वाहनों में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम जीएसएसएस कार्यरत होगा, वह वाहन चालक टोल रोड पर यात्रा करते समय पहले 20 किलोमीटर तक की यात्रा के लिए टोल मुक्त होंगे।

जीएनएसएस लगे वाहनों को ही होगा फायदा

मोदी सरकार की इस व्यवस्था का लाभ केवल उन्हीं वाहनों को मिलेगा जिनमें ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम लगा होगा और चालक 20 किलोमीटर तक ही यात्रा करेंगे। हालांकि, 20 किलोमीटर से अधिक यात्रा करने पर वाहन चालक को वास्तविक यात्रा दूरी के हिसाब से टोल टैक्स देना होगा। मंत्रालय ने यह व्यवस्था पूरे देश में लागू करने की योजना बनाई है। यह भी पढ़ें : हिमाचल में सब इंस्पेक्टर ने दिखाया वर्दी का रौब- बाजार जा रही महिला से किया अनर्थ

कर्नाटका और हरियाणा में शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट

मोदी सरकार की इस योजना को अभी पूरे देश में लागू नहीं किया गया है। इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर अभी कर्नाटक और हरियाणा में लागू किया गया है। कर्नाटका के नेशनल हाईवे 275 पर बेंगलुरु और मैसूर के बीचए और हरियाणा में नेशनल हाईवे 709 पर पानीपत और हिसार के बीच इस नई व्यवस्था का परीक्षण किया जा रहा है। यहां से आने वाले परिणाम के आधार पर इस योजना को पूरे देश में लागू किया जाएगा। यह भी पढ़ें हिमाचल की वंडर गर्ल शिव्या, एक साल की उम्र में बनाया वर्ल्ड रिकॉर्ड, आप भी होंगे हैरान

क्या है इस पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य

इस पायलट प्रोजेक्ट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यह सिस्टम तकनीकी रूप से सटीक और प्रभावी तरीके से काम कर रहा है। यदि कर्नाटका और हरियाणा में इसका प्रयोग सफल रहता है, तो अन्य राज्यों में भी इस तकनीक को लागू किया जाएगा। यह भी पढ़ें : हिमाचल के डिपुओं में नहीं मिल रहा सस्ता राशन, जानिए क्या है कारण

क्या है GNSS और इसका उपयोग

ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS)  एक आधुनिक तकनीक है, जिसे वाहन ट्रैकिंग और नेविगेशन के लिए उपयोग किया जाता है। यह तकनीक जीपीएस GPS (Global Positioning System) के समान है, जो वाहन की सटीक स्थिति और यात्रा मार्ग का पता लगाती है। इस प्रणाली को सड़क और परिवहन मंत्रालय ने हाल ही में फास्टैग के साथ मिलाकर टोल कलेक्शन सिस्टम के तौर पर लागू किया है। यह भी पढ़ें : CPS मामले के बीच CM सक्खू ने बुलाई कैबिनेट, यहां जानिए मीटिंग के ऐजेंडे जीएनएसएस से वाहन को ट्रैक किया जाता है और उसने कितनी दूरी तय की है, इसका भी पता चलता है। उसी आधार पर वाहन के टोल शुल्क की गणना की जाती है। इस सिस्टम का इस्तेमाल पहले से ही कुछ प्रमुख राजमार्गों और एक्सप्रेस वे पर किया जा रहा है।

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