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July 4, 2024

हिमाचल के सभी सांसद-मंत्री-विधायक और अफसर लेंगे सरकारी स्कूल को गोद

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों की दशा सुधारने के लिए सुक्खू सरकार ने एक नई योजना शुरू की है। जिसके तहत प्रदेश के सभी सांसद, विधायक, मंत्री और अफसर सरकारी स्कूल गोद लेंगे। तीन विधानसभा उपचुनाव निपटने के बाद प्रदेश में अपना विद्यालय कार्यक्रम योजना लागू होगी।

सरकारी स्कूलों में होगा सुधार

प्रदेश के सरकारी स्कूलों में सुधार लाने के उद्देश्य से हिमाचल स्कूल एडॉप्शन कार्यक्रम तैयार किया गया है। स्कूलों को गोद लेने वाले प्रतिपालक या मेंटर बनकर स्कूलों में मूलभूत सुविधाएं जुटाने और अच्छी शिक्षा देने के लिए सहयोग करेंगे।

सरकारी स्कूल को गोद लेंगे कर्मचारी

अपना विद्यालय कार्यक्रम के लिए समग्र शिक्षा अभियान द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा। यह पोर्टल पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध होगा। इसके अलावा इस कार्यक्रम में किशोर प्रबंधन एवं मूल्यवर्द्धन संवाद भी रखा गया है। जिसके तहत विभिन्न विभाग मिलकर स्कूली विद्यार्थियों का व्यक्तिगत विकास व सशक्तिकरण करेंगे। यह भी पढ़ें: कहर बन गिरी आसमानी बिजली, परिवार से छीना एकमात्र आमदनी का सहारा

सांसद-मंत्री-विधायक बनेंगे संरक्षक

इस कार्यक्रम से संबंधित प्रदेश शिक्षा विभाग ने एक आधिसूचना भी जारी की है। जिसके अनुसार, प्रदेश से चुने गए लोकसभा एवं राज्यसभा सांसद, मंत्री, विधायक, श्रेणी-1 व 2 के राजपत्रित अधिकारियों को कम से कम एक स्कूल को गोद लेकर उसका संरक्षक बनना होगा।

वांछित सुधार के लिए देंगे सुझाव

आधिसूचना के अनुसार, प्रदेश के जिलों के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वन मंडलाधिकारी, उपमंडलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, खंड चिकित्सा अधिकारी व पुलिस उपाधीक्षकों को भी स्कूल संरक्षक बनना होगा। यह संरक्षक अध्यापकों और स्कूल प्रबंधन समितियों को स्कूलों में वांछित सुधार के लिए सुझाव देंगे।

स्कूलों के मेंटर बनेंगे अफसर

जबकि, सचिवालय व निदेशालय में सेवाएं दे रहे शिक्षा विभाग के अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, उपनिदेशक, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के समन्वयक, प्रधानाचार्य, राज्य शिक्षा परिषद अनुसंधान व प्रशिक्षण और हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारी भी एक-एक स्कूल गोद लेंगे। यह लोग इन स्कूलों के मेंटर होंगे। यह भी पढ़ें: पति को छोड़कर बहन के साथ रहती थी महिला, कमरे में लट*की मिली जानकारी के अनुसार, राजकीय पाठशालाओं के लिए शैक्षिक सहायता टीमों और गैर शैक्षिक सहायता टीमों का भी गठन किया जाएगा। यह टीमें बिना किसी वित्तीय या और किसी लाभ के सरकार का साथ देंगी।

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