मंडी। हिमाचल के मंडी जिला में मंडी शहर के जेल रोड पर बनी मस्जिद मामले में बड़ा फैसला आया है। दरअसल मुस्लिम पक्ष को जेल रोड में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हिमाचल हाईकोर्ट ने एमसी आयुक्त कोर्ट के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है। आज यानी सोमवार को मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट के इस फैसले की एक प्रति एमसी कार्यालय में जमा करवा दी है।
निगम आयुक्त कोर्ट ने दिए थे अवैध निर्माण को गिराने के आदेश
बता दंे कि मंडी शहर के जेल रोड पर बनी मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों सहित भारी संख्या में स्थानीय लोग सड़कों पर उतर आए थे। लोग इस मस्जिद को तोड़ने की मांग कर रहे थे। मस्जिद के अवैध निर्माण का मामला नगर निगम कोर्ट में भी चल रहा था। इसी बीच 13 सितंबर को नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने 13 सितंबर को अपना फैसला सुनाते हुए मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के आदेश दिए थे।
इन बिंदूंओं से समझें, पूरा माजरा
- मंडी में जेल रोड पर बनी है मस्जिद
- 70 साल पुरानी मस्जिद होने का दावा
- 70 साल पहले 45 मीटर में एक मंजिला थी मस्जिद
- एक मंजिल को तोड़ कर सरकारी भूमि पर किया कब्जा
- धीरे धीरे 231 वर्ग मीटर में बना दी तीन मंजिला
हाईकोर्ट ने आयुक्त कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद के अवैध निर्माण को गिराने के लिए 30 दिन का समय दिया था। आयुक्त कोर्ट के इस फैसले की प्रति मुस्लिम समुदाय को 17 सितंबर को सौंपी गई थी। जिसके बाद मुस्लिम प़क्ष ने आयुक्त कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। अब हिमाचल होईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बड़ी राहत देते हुए आयुक्त कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सोमवार को मुस्लिम वेलफेयर कम्युनिटी के लोगों ने एमसी कार्यालय में कोर्ट के आदेशों की प्रति जमा करवा दी है।
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13 सितंबर को हुआ था भारी प्रदर्शन
बता दें कि राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद में अवैध निर्माण की चिंगारी भड़कने के बाद इसी आग मंडी मस्जिद तक पहुंच गई थी। हिंदू संगठनों और भारी संख्या में लोगों ने मंडी के जेल रोड पर बनी मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया था।
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके बनाई थी मस्जिद
बताया जा रहा था कि मुस्लिम समुदाय ने 186 वर्ग मीटर सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके मस्जिद बनाई है। इसका खुलासा नगर निगम द्वारा कोर्ट में पेश स्टेट्स रिपोर्ट में हुआ था। मुस्लिम समुदाय जिस मस्जिद के आजादी से पहले होने का दावा करता रहा, वह 45 वर्ग मीटर जमीन पर बनी थी।
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बिना नक्शा पास करवाए बना दी थी दो मंजिलें
लेकिन धीरे धीरे यहां अतिक्रमण करके 231 वर्ग मीटर में मस्जिद बना दी गई। मस्जिद को बनाने के लिए नक्शा भी पास नहीं कराया। इसी आधार पर नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने 13 सितंबर को मस्जिद की 2 मंजिल गिराने के आदेश दिए और पहले की स्थिति बहाल करने को कहा।
- नगर निगम मंडी ने रूकवाया था काम
- अवैध मस्जिद को लेकर सड़कों पर उतरे लोग
- निगम आयुक्त कोर्ट ने अवैध निर्माण गिराने के दिए आदेश
- 13 सितंबर को दिए थे 30 दिन में अवैध निर्माण गिराने के आदेश
- हाईकोर्ट से अब मुस्लिम पक्ष को मिली राहत
- हाईकोर्ट ने आयुक्त कोर्ट के फैसले पर लगाई रोक
मुस्लिम समुदाय ने खुद गिराया था अवैध निर्माण
हालांकि इससे पहले मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों के बढ़ते आक्रोश को देखते हुए मुस्लिम समुदाय ने खुद ही लोक निर्माण विभाग की जमीन पर बनाई गई दीवार को तोड़ दिया था। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रशासन से अपील की थी कि वह खुद ही अवैध निर्माण को तोड़ देंगे। उन्होंने कहा था कि वह प्रदेश में शांति का माहौल चाहते हैं।
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मस्जिद के नीचे खुदाई की भी उठाई थी मांग
नगर निगम आयुक्त कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने मस्जिद के नीचे खुदाई की मांग कर दी थी। मस्जिद के नीचे मंदिरों के अवशेष होने का दावा किया जा रहा था इसी मांग को लेकर स्थानीय लोग डीसी मंडी अपूर्व देवगन से भी मिले और पुरातत्व विभाग से निरीक्षण कर खुदाई की मांग की थी।