कुल्लू। हिमाचल प्रदेश एक ग्रीन राज्य है। यहां हर तरफ हरियाली पेड़ पौधे और पहाड़ हैं। जिसके चलते यहां हर साल लाखों पर्यटक और श्रद्धालु घूमने के लिए आते हैं। पर्यटकों और श्रद्ालुओं के आने से जहां हिमाचल की आर्थिकी बढ़ती है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश को गंदगी के ढेर भी फ्री में मिलते हैं। जिसके चलते प्रदेश में कूड़ा प्रबंधन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है।
श्रीखंड महादेव यात्रा में लगे कूड़े के ढेर
कूढ़े के यह ढेर पर्यटक स्थलों में ही नहीं बल्कि यह देश की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में शामिल हिमाचल के कुल्लू जिला के आनी में श्रीखंड महादेव यात्रा के रास्ते में भी देखने को मिलते हैं। हालांकि देश की सबसे कठिन यात्राओं में शामिल श्रीखंड महादेव यात्रा पर कम संख्या में लोग जाते हैं, बावजूद इसके इस यात्रा के रास्ते पर भी जगह जगह कूड़े के ढेर देखने को मिलते हैं।
श्रीखंड महादेव यात्रा के ट्रैक पर लगे कूड़े के ढेरों को किया साफ
महादेव के दर्शन करने वाले भक्त अपने साथ लाए खाने पीने की चीजों को यहां फेंक जाते हैं और यहां के पर्यावरण को दूषित कर रहे हैं। इस कूड़े को ठिकाने लगाने के लिए अब कुल्लू जिला परिषद की टीम ने सफाई अभियान चला दिया है।
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इस टीम ने श्रीखंड महादेव के आसपास और ट्रैक से बड़ी मात्रा में कूड़ा एकत्र किया है। जो कि शर्मसार करने वाला है। क्योंकि यहां पर आने वाले श्रद्धालु कूड़ा फैला रहे हैं और इसी से उनकी श्रद्धा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
आपदा प्रबंधन के निदेशक ने लोगों से कूड़ा ना डालने की अपील की
जानकारी देते हुए जिला परिषद कुल्लू के अध्यक्ष पंकज परमार और उनकी पंचायती राज टीम ने श्रीखंड महादेव की यात्रा के ट्रैक को साफ करने के लिए व्यापक स्वच्छता अभियान चलाया है। हिमाचल आपदा प्रबंधन निदेशक सुदेश कुमार मोक्टा ने भी पार्वती बाग में पहुंच कर इस टीम का उत्साह बढ़ाया।
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सुदेश कुमार मोक्टा ने बताया पर्यावरण की सुरक्षा हम सब की जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि हिमाचल के पवित्र स्थानों को स्वच्छ रखें और यहां पर गंदगी ना डालें। लोग अपने साथ खाने पीने का जो सामान लाते हैं, उसके खाली रैपरों को अपने साथ ही वापस ले जाएं और एक निर्धारित स्थान पर एकत्रित करें।
जिला परिषद की टीम और स्वयंसेवकों ने चलाया अभियान
वहीं अध्यक्ष पंकज परमार और उनकी टीम ने स्वयंसेवकों और संसाधनों को जुटाने में सक्रिय भूमिका निभाई है। इस प्रयास को संगठित करने और इसे सफल बनाने में उनका नेतृत्व महत्वपूर्ण रहा है।
परमार ने कहा कि हम श्रीखंड महादेव की स्वच्छ और सुंदर पर्यावरण को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं उन सभी स्वयंसेवकों का हार्दिक धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने इस अभियान में साथ दिया है।