शिमला। हिमाचल प्रदेश में रसोई गैस की बढ़ती कीमतों से जल्द ही उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में पाइप्ड नैचुरल गैस (PNG) कनेक्शन के माध्यम से सस्ती रसोई गैस उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। इस सुविधा को प्रदेश के पांच जिलों में लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।
यह योजना प्रदेश को देश के अन्य महानगरों की तर्ज पर विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। योजना के तहत जिन जिलों में पहले चरण में गैस पाइपलाइन बिछाई जाएगी उनकी सूची जारी की गई है।
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LPG सिलेंडर से मिलेगा छुटकारा
जिला प्रशासन को इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए तेल कंपनियों से समन्वय कर भूमि चयन और ट्रांसफर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। इस योजना के लागू होने से उपभोक्ताओं को LPG सिलेंडर के झंझट से छुटकारा मिलेगा।
LPG के मुकाबले NGP क्यों बेहतर?
NGP, LPG की तुलना में किफायती और सुविधाजनक है। उपभोक्ताओं को NGP के उपयोग से गैस के खर्च में 20-25% तक की बचत हो सकती है। औसतन NGP का एक क्यूबिक मीटर लगभग 50 रुपए में उपलब्ध होता है जबकि LPG लगभग 70 रुपए प्रति किलो पड़ती है। इससे प्रति सिलेंडर के बराबर उपयोग में उपभोक्ताओं को 200 से 300 रुपए की बचत होगी।
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इन जिलों में चल रहा है काम
ऊना जिले में गैस पाइपलाइन का प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है और बही हिमुडा कॉलोनी में हजारों NPG कनेक्शन दिए गए हैं। अन्य जिलों जैसे शिमला, सोलन, नाहन, हमीरपुर और बिलासपुर में भी पाइपलाइन बिछाने का काम तेजी से जारी है। इन स्थानों पर कॉलोनियों और प्रमुख इलाकों में गैस कनेक्शन जल्द शुरू किए जाएंगे।
NPG की विशेषताएं
NPG मीथेन से बनी एक स्वच्छ और सुरक्षित प्राकृतिक गैस है जिसे भूमिगत पाइपलाइनों के माध्यम से वितरित किया जाता है। यह LPG की तुलना में अधिक पर्यावरण-हितैषी और किफायती है। शहरी क्षेत्रों में इसे पारंपरिक ईंधनों के बेहतर विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
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5 जिलों के लिए मिली अनुमति
वहीं, खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक रामकुमार गौतम ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों में पाइपलाइन गैस की सुविधा के लिए अनुमति प्रदान कर दी है। इस दिशा में आवश्यक प्रक्रियाएं तेजी से पूरी की जा रही हैं। यह योजना प्रदेश के लोगों को न केवल राहत देगी, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में एक नई शुरुआत भी करेगी।