नई दिल्ली। आज के समय हर कोई अपनी कमाई का कुछ हिस्सा कहीं ना कहीं जरूर निवेश कर रहा है। कुछ लोग शेयर बाजार तो कुछ लोग सरकारी योजनाओं में पैसा लगा रहे हैं। जबकि, बहुत सारे लोग LIC और पोस्ट ऑफिस स्कीम में निवेश कर रहे हैं। वहीं, कुछ लोग रिटायरमेंट प्लान के तौर पर स्कीम का चयन करते हैं। आज हम आपको एक ऐसी स्कीम के बारे में बताएंगे, जिसमें निवेश करने से आपको हर महीने पेंशन मिलेगी।
रिटायर्ड होने पर ना करें पैसे की चिंता
दरअसल, LIC द्वारा लोगों के लिए बिना रिस्क के निवेश करने के लिए कई स्कीम निकाली गई हैं। LIC की ओर से एक प्लान ऐसा भी पेश किया जाता है, जोकि रिटायर्ड होने के बाद एक निश्चित राशि देता है।
एक बार लगाना पड़ेगा पैसा
बता दें कि LIC सरल पेंशन प्लान एक ऐसी योजना है, जोकि रिटायरमेंट पर हर मीहने पेंशन की गांरटी देता है। इस योजना की खास बात यह है कि आपको इसमें सिर्फ एक बार निवेश करना होता है तो उम्र भर आपको पेंशन मिलती रहेगी। रिटायरमेंट प्लान के तौर पर LIC सरल पेंशन प्लान सबसे लोकप्रिय प्लान है। इस प्लान को ऑनलाइन खरीदने के लिए आप LIC की आधिकारिक वेबसाइट
www.licindia.in पर विजिट कर सकते हैं।
कभी भी कर सकते हैं निवेश
यह स्कीम रिटायरमेंट के बाद की इन्वेस्टमेंट प्लानिंग के लिए बिलकुल फिट बैठती है। सरकारी विभाग या प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाला व्यक्ति अपने रिटायमेंट से पहले PF फंड या ग्रेच्युटी अमाउंट से मिले पैसे को इसमें इन्वेस्ट करता है तो उसे जीवनभर हर महीने पेंशन का लाभ मिलता है।
ध्यान रहे कि इसमें 40 साल से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति निवेश नहीं कर सकता है। हालांकि, इसमें 80 साल की उम्र तक कभी भी निवेश कर सकता है।
हर महीने मिलेगी 12 हजार रुपए पेंशन
इस स्कीम में कोई भी व्यक्ति एक बार प्रीमियम भरने के बाद सालाना, तिमाही, छमाही या मासिक आधार पर पेंशन पा सकता है। इस स्कीम के तहत मंथली एक हजार रुपए की एन्युटी खरदीनी होती है और सालाना आधार पर 12000 रुपए की एन्युटी लेनी होती है। इसमें मैक्सिमम इन्वेस्टमेंट की पॉलिसी योजना के तहत कोई लिमिट नहीं तय है।
LIC केल्कुलेटर के हिसाब से अगर कोई भी 42 साल की उम्र का व्यक्ति 30 लाख रुपए की एन्युटी खरीदता है तो उसे हर महीने 12,388 रुपए पेंशन मिलेगी।
मिलेगी लोन की भी सुविधा
LIC सरल पेंशन योजना की एक खासियत यह भी है कि कोई भी व्यक्ति पॉलिसी शुरू करने के छह महीने बाद लोन ले सकता है। वहीं, अगर परिवार का कोई सदस्य गंभीर बीमार हो जाता है तो पॉलिसी लेने के छह महीने बाद वह इस पॉलिसी को सरेंडर भी कर सकते है।