मंडी। हिमाचल के मंडी जिला का 25 वर्षीय जवान विनय कुमार अपने सपनों को बीच में ही छोड़ कर इस दुनिया को छोड़ गया। अपने माता पिता और भाई बहनों के लिए सुंदर आशियाना बनाउंगा जिसमें पूरा परिवार सुख से रहेगा। अपनी बहन की डोली भी इसी नए घर से उठाउंगा। धूमधाम से अपनी बहन की शादी करेगा। लेकिन यह किसी ने नहीं सोचा था कि वह अपने इतने सारे सपनों को बीच में ही छोड़ कर चला जाएगा।
25 साल की उम्र में इस दुनिया को छोड़ गया विनय
महज 25 साल की उम्र में विनय कुमार ने अपना जीवन देश पर कुर्बान कर दिया। इस छोटी सी उम्र में उसने कई सपने देख लिए थे, जिन्हें वह पूरा करने का प्रयास भी कर रहा था। लेकिन नियती को कुछ और ही मंजूर था। शहीद विनय कुमार आज अपने परिवार को रोता छोड़ पंचत्तव में विलीन हो गया। विनय खुद तो चला गया, पर अपने पीछे छोड़ गया कई अधूरे सपने और परिवार की आंखों में आंसू।
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10 सितंबर को छुट्टी काट कर गया था वापस
बता दें कि विनय कुमार 20 दिन पहले यानी 10 सिंतबर को ही छुट्टी काट कर वापस अपनी ड्यूटी पर लौटा था। विनय अब शादी पर ही घर आने वाला था। जवान विनय ने सोचा था कि अब अगली बार घर आउंगा तो धूमधाम से अपने नए घर से अपनी बहन की शादी करेगा और साथ ही गृह प्रवेश भी करेगा।
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जिस घर से उठानी थी बहन की डोली, वहां से उठी शहीद की अर्थी
जवान विनय कुमार नया घर बना रहा था। जिसका निर्माण कार्य लगभग पूरा हो रहा था। विनय की बहन की शादी जनवरी 2025 में थी। उससे पहले विनय इस घर के निर्माण कार्य को पूरा करवाने में जुटा था। ताकि बहन की शादी नए घर से की जा सके। लेकिन उससे पहले ही एक अनहोनी ने उसे सभी से छीन लिया। नए घर में प्रवेश से पहले दुनिया छोड़ कर फौजी बेटा हमेशा के लिए सबसे दूर चला गया।
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पीलिया ने परिवार से छीन लिया फौजी बेटा
बताया जा रहा है कि छुट्टी से ड्यूटी पर लौटने के बाद विनय को पीलिया ने जकड़ लिया। यही पीलिया विनय के निधन का कारण बना है। जालंधर कैंट अस्पताल में विनय का उपचार चल रहा थाए जहां उन्होंने अंतिम सांस ली और शहीद हो गए। बीती शाम को तिरंगे में लिपट कर विनय की पार्थिव देह उनके पैतृक गांव पहुंची। तो माहौल गमगीन हो गया। हर तरफ चीखने चिल्लाने की आवाजें ही सुनाई दे रही थीं।
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बिछड़ गई दो फौजी भाईयों की जोड़ी
दो फौजी भाईयों की जोड़ी बिछड़ गई। छोटा भाई तो शहीद भाई के अंतिम दर्शन भी न कर सका। पांच भाई बहनों में विनय दूसरे नंबर का था। विनय का दूसरा भाई भी फौजी है। दूसरे फौजी भाई के समय पर घर ना पहुंच पाने के चलते विनय की छोटी बहन ने उसकी चिता को मुखाग्नि दी। राखी बांधने वाले हाथों ने अपने भाई को मुखाग्रि दी और अनंत सफर पर भेज दिया।