मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में पीलिया के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जिले के जोगिंद्रनगर उपमंडल में अभी तक चार लोगों की पीलिया से मौत भी हो चुकी है। जबकि, 300 के करीब मरीज अभी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे हैं। पीलिया की बीमारी जानलेवा साबित होती जा रही है।
फैल रही पीलिया की बीमारी
बता दें कि जोगिंद्रनगर में पीलिया से 5000 आबादी क्षेत्र प्रभावित है। अब तक जोगिंद्रनगर में कुल 241 पीलिया संक्रमित मरीज सामने आ चुके हैं। जिनमें से 155 उपचार लेकर अस्पताल से जा चुके हैं, जबकि 19 मरीज जोगिंद्रनगर से रेफर किए गए हैं। हालांकि, 48 मरीज जोगिंद्रनगर अस्पताल के विभिन्न वार्डों में उपचाराधीन हैं।
यह भी पढ़ें: अंगदान कर चार लोगों को दिया जीवनदान, 18 साल का था हर्ष
जानलेवा बीमारी साबित हो रहा पीलिया
पीलिया एक एक सामान्य-सा दिखने वाला गंभीर रोग है। पीलिया से पीड़ित मरीज का समय पर इलाज ना होने पर रोगी को बहुत नुकसान झेलना पड़ता है। ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह लिए पीलिया की कोई भी दवा ना खाएं। आज हम आपको बताएंगे कि पीलिया के लक्षण और उपचार क्या है। साथ ही कैसे आप इस बीमारी से खुद का बचाव कर सकते हैं।
कैसे होता है पीलिया?
किसी भी इंसान को पीलिया तब होता है- जब शरीर में बिलीरूबिन नामक पदार्थ बहुत ज्यादा हो जाता है। इस पदार्थ के ज्यादा हो जाने से लिवर पर बुरा असर पड़ता है और लिवर के काम करने की क्षमता कमजोर पड़ जाती है। बिलीरुबीन पीले रंग का पदार्थ होता है, जो कि रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है।
यह भी पढ़ें: हिमाचल: इन जिला में होगी भारी बारिश, ऑरेंज अलर्ट जारी; सावधान रहें लोग
लिवर में होती है गड़बड़ी
जब यह रक्त कोशिकाएं मृत हो जाती हैं तो लिवर इनको रक्त से फिल्टर कर देता है। वहीं, जब लिवर में कुछ खराबी होने के कारण यह प्रक्रिया ठीक से नहीं हो पाती है तो बिलीरुबीन बढ़ने लगता है। इसी कारण त्वचा पीली नजर आने लगती है। यानी लिवर में गड़बड़ी के कारण बिलीरुबिन शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है। जिसके चलते व्यक्ति को पीलिया हो जाता है।
कैसे फैलता है पीलिया?
- एल्कोहल से संबधी लिवर की बीमारी
- बाइल डक्ट का बंद होना
- हेपेटाइटिस
- पेंक्रियाटिक का कैंसर
- सड़क किनारे, कटी, खुतली, दूषित वस्तुएं और गंदा पानी पीने से
- कई दवाइयों के कारण
यह भी पढ़ें: कंगना रनौत ने राहुल गांधी की शेयर कर दी ऐसी पोस्ट, इंटरनेट पर मच गया बवाल
क्या होते हैं पीलिया के लक्षण?
पीलिया होने पर व्यक्ति को यह लक्षण हो सकते हैं-
- फ्लू जैसे लक्षण दिखाई देना
- मितली आना
- पेट दर्द
- भूख ना लगना
- खाना ना हजम होना
- त्वचा, नाखून और आंख का सफेद हिस्सा तेजी से पीला होना
- लिवर में गड़बड़ी
- बुखार बना रहना
- गाढ़ा/ पीला पेशाब
- हाथों में खुजली चलना
- लगातार थकान महसूस करना
किसे होता है पीलिया?
पीलिया की बीमारी नवजात शिशु से लेकर वृद्धावस्था तक किसी भी वर्ग के व्यक्ति को हो सकती है। हालांकि, नवजात शिशुओं को पीलिया का खतरा ज्यादा होता है। जब शिशु का जन्म होता है तो शिशु के शरीर के लाल रक्त कोशिकाओं RBC की अधिकता होती है। जब ये अतिरिक्त RBC सेल्स टूटने लगते हैं तो नवजात को पीलिया होने की संभावना हो जाती है।
यह भी पढ़ें: जमीन के लिए रिश्ते हुए तार-तार, जीजा ने साले पर चला दिया दराट
पीलिया में किन चीजों का करें परहेज?
पीलिया होने पर सबसे पहले अपने खानपान और जीवनशैली में बदलाव लाएं। इन बातों का ध्यान रखें-
- बाहर का खाना ना खाएं
- दाल और बींस ना खाएं
- एक साथ ज्यादा खाना खाने से परहेज करें
- ज्यादा मिर्च-मसालेदार तला हुआ खाना ना खाएं
- ज्यादा मेहनत ना करें
- शराब का सेवन ना करें
- ज्यादा नमक वाली चीजें आचार आदि ना खाएं
- कॉफी/चाय ना पीएं
- मक्खन खाने के परहेज करें
- जंक फूंड ना खाएं
- मीट, अंडे, चिकन और मछली का सेवन भी ना करें