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August 22, 2024

HRTC अगले माह कहां से देगा वेतन-पेंशन, खाते में बचे हैं सिर्फ इतने पैसे

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के बिगड़ते आर्थिक हालातों के बीच हिमाचल पथ परिवहन निगम की स्थिति अब और भी दयनीय होती जा रही है। आने वाले समय में हिमाचल पथ परिवहन निगम के हालात इतने खराब होने वाले हैं कि उनके पास अपने कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन देने तक के पैसे नहीं बचेंगे। ऐसे हालातों में आर्थिक संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार भी शायद एचआरटीसी की कोई मदद नहीं कर पाएगी।

घाटे में चल रहे एचआरटीसी की बढ़ने वाली हैं मुश्किलें

दरअसल एचआरटीसी निगम घाटे में चल रहा हैं प्रदेश सरकार की तरफ से मिलने वाली ग्रांट इन एड के पैसों से ही एचआरटीसी के कर्मचारियों और पेंशनरों को वेतन और पेंशन दी जाती है। लेकिन सरकार ने इस वित वर्ष एचआरटीसी के लिए जो बजट रखा था, वह बीच में ही खत्म होने वाला है। इस बजट के खत्म होने के बाद एचआरटीसी के कर्मचारियों और पेंशन के लाले पड़ सकते हैं।

सरकार से मिलेगी 55 करोड़ की आखिरी किस्त

सरकार की तरफ से अगले माह एचआरटीसी को मात्र 55 करोड़ रुपए ही मिलेंगे और यही उसकी आखिरी किस्त होगी। हालांकि सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम को एडिशनल ग्रांट मंजूर कर सकता है, लेकिन प्रदेश के आर्थिक हालातों को देखते हुए यह संभव होता नहीं दिख रहा है। जिसके चलते एचआरटीसी के पास अगले माह मिलने वाले केवल 55 करोड़ ही हैं। यह भी पढ़ें:  हिमाचल: स्क्रब टायफस वाले कीड़े ने मां-बेटे को काटा, दोनों स्वर्ग सिधारे

वेतन दिया तो पेंशन के लिए नहीं बचेंगे पैसे

निगम को मिलने वाले इन 55 करोड़ से मात्र एचआरटीसी के कर्मचारियों का ही वेतन पूरा हो सकेगा। ऐसे में पेंशनरों को पेंशन नहीं मिल पाएगी। ऐसे में पहले से अन्य भत्ते ना मिलने से परेशान इन पेंशनरों की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। बता दें कि एचआरटीसी के घाटे में जाने का सबसे ज्यादा खामियाजा पेंशनरों को भुगतना पड़ा है। इनका डीए से लेकर एरियर तक का पैसा पिछले कई सालों से विभाग इन्हें नहीं दे पाया है।

चालकों परिचालकों को नहीं मिला 50 माह का नाइट ओवरटाइम

निगम के पास पेंशनरों की ही नहीं बल्कि कर्मचारियों की वित्तिय देनदारियां भी अभी बाकी हैं। एचआरटीसी बसों में ड्यूटी दे रहे निगम के चालकों परिचालकों का पिछले 50 माह का नाइट ओवरटाइम भी उन्हें अभी तक नहीं मिल पाया है। वहीं इन कर्मचारियों का एरियर और डीए भी बाकी है। ऐसे में परिवहन निगम की मुश्किलें आने वाले समय में और बढ़ने वाली हैं। यह भी पढ़ें: सुक्खू सरकार ने पलट दिया अपना ही फैसला: पढ़ें पूरी खबर

निगम के पास बचे हैं मात्र 55 करोड़ रुपए

सूत्रों की मानें तो हिमाचल सरकार हिमाचल पथ परिवहन निगम को हर साल 720 करोड़ रुपए की राशि प्रदान करती थी, जिसे ग्रांट इन एड कहा जाता है। लेकिन इस साल सुक्खू सरकार ने निगम को मात्र 367 करोड़ रुपए की राशि ग्रांट इन एड के रूप में रखी है। जिसमें से सरकार की तरफ से निगम को अब तक 312 करोड़ की राशि जारी हो चुकी है और अब मात्र 55 करोड़ ही शेष बचे हैं। यह भी पढ़ें: IGMC में नशा बेचने आई थी महिला, 1 किलो से अधिक चरस समेत हुई अरेस्ट

बढ़ने वाली हैं निगम की चुनौतियां

पहले से घाटे से जूझ रहे हिमाचल पथ परिवहन निगम की चुनौतियां आने वाले समय में बढ़ने वाली हैं। बसों को चलाने के लिए निगम को अपने कर्मचारियों को वेतन देना ही होगा। ऐसे में पेंशनरों की पेंशन पर संकट के बादल मंडराने का खतरा जरूर बढ़ गया है। हालांकि परिवहन निगम हर माह अपनी आमदनी बढ़ाने के प्रयास कर रहा है, जिसमें उसे सफलता भी मिल रही है। यह भी पढ़ें: सुक्खू सरकार ने पलट दिया अपना ही फैसला: पढ़ें पूरी खबर

आय बढ़ाने को लिए उठाए थे कुछ सख्त कदम

हिमाचल पथ परिवहन निगम की रिपोर्ट के बाद सुक्खू सरकार ने सरकारी बसों में स्कूली छात्रों के बनने वाले बस पास की दरें बढ़ाई थी। इसके अलावा लोगों को रियायती कार्ड का रेट भी बढ़ा दिया है। वहीं पुलिस कर्मचारियों की एचआरटीसी में 210 रुपए में साल भर सफर के फैसले में भी संशोधन कर दिया है।
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हालांकि इसकी अभी तक नोटिफिकेशन जारी नहीं की गई है। सरकार के इन सभी फैसलों से परिवहन निगम को हर माह 10 से 15 करोड़ रुपए का फायदा जरूर हो रहा है, लेकिन यह एचआरटीसी को घाटे से उबारने के लिए काफी नहीं है।

निगम एक माह बाद कहां से देगा वेतन

सूत्रों की मानें तो परिवहन निगम कुछ और बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। जिसके लिए निगम ने सरकार को कुछ सुझाव भी दिए हैं। लेकिन उन पर अभी तक कुछ नहीं हो सका है। ऐसे में जहां एक तरफ निगम की आर्थिक हालत खराब है, तो दूसरी ओर सरकार से पूरा सहयोग नहीं मिल पा रहा है। अगर आने वाले दिनों में सुक्खू सरकार ग्रांट इन एड को नहीं बढ़ाती है, तो एक महीने बाद निगम के कर्मचारियों को वेतन के लाले पड़ जाएंगे, जिससे स्थिति ज्यादा खराब हो जाएगी।

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