शिमला। हिमाचल प्रदेश में HRTC एक बार फिर से सुर्खियों में है। इसका मुख्य कारण यह है कि निगम ने अपने ही कर्मचारियों से लाखों रुपए की रिकवरी की है। यह रिकवरी निगम ने सीधे तौर पर अपने कर्मचारियों के वेतन को काट कर की है। जिस कारण HRTC के बस ड्राइवर- कंडक्टर और मैकेनिकल स्टाफ इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
निगम से वर्दी भत्ता बढ़ाए जाने की थी मांग
सामने आ रही जानकारी के अनुसार, HRTC प्रबंधन ने निगम के सभी ड्राइवर- कंडक्टर और मैकेनिकल स्टाफ के वेतन से एकमुश्त 748 रुपए की कटौती कर कुल 67 लाख रुपए वसूले हैं।
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जिसका कर्मचारियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। दरअसल, निगम अपने फील्ड स्टाफ को प्रतिवर्ष दो वर्दी के लिए उन्हें 2000 रुपये भत्ता देता है। मगर इस वर्ष कर्मचारियों ने निगम से मांग की थी कि कपड़ा महंगा हो गया है, इसलिए वर्दी भत्ता बढ़ाए जाने के लिए स्टाफ ने अपना तर्क दिया था।
हर किसी के वेतन से कटे 748 रुपए
बीते वर्ष खरीदी गई वर्दी की गुणवत्ता पर कर्मचारियों ने सवाल उठाए थे। जिसके चलते इस साल वर्दी खरीदने से पहले ड्रेस खरीद समिति के साथ यूनियन पदाधिकारियों ने बैठक की थी। बैठक में लिए गए निर्णय के बाद इस बार HRTC प्रबंधन ने 2000 रुपए की जगह 2748 रुपये की ड्रेस खरीदकर अपने कर्मचारियों को दी।
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मगर इस बार जैसे ही जून महीने का वेतन आया तो सभी कर्मचारियों के वेतन में 748 रुपए कम थे। कर्मचारियों द्वारा जब HRTC प्रबंधन से वेतन कटौती पर सवाल किया गया तो उन्हें बताया गया कि वर्दी के पैसे काट लिए गए हैं।
8500 से अधिक है HRTC फील्ड स्टाफ की संख्या
HRTC फील्ड स्टाफ की संख्या 8500 से अधिक है, जो वेतन कटौती के बाद भड़क गए हैं। मगर इनके कर्मचारी नेताओं ने क्वालिटी ड्रेस खरीदने की बात बैठक में कही थी, जहां बैठक की कार्यवाही विधिवत तैयार की गई थी और उस पर कर्मचारी नेताओं के हस्ताक्षर भी हैं। हालांकि बोर्ड प्रबंधन ने क्वालिटी ड्रेस तो दे दी मगर वर्दी भत्ता नहीं बढ़ाया। जिस कारण कर्मचारियों से रिकवरी की गई है।
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HRTC के प्रबंध निदेशक ने बताई वजह
उधर मामले की पुष्टि करते हुए HRTC के प्रबंध निदेशक रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि अच्छी क्वालिटी की ड्रेस खरीदने का निर्णय कर्मचारी नेताओं के साथ हुई मीटिंग में तय किया गया था। सभी की सहमति मिलने के बाद ही वर्दी खरीदी गई है। वर्दी भत्ता बढ़ाए जाने की अभी कोई अधिसूचना जारी नहीं हुई है, जिसके चलते कर्मचारियों की सैलरी से पैसे कटे हैं।