शिमला। हिमाचल प्रदेश में अब एचआरटीसी के बाद प्राइवेट बसों में भी ई-टिकटिंग प्रणाली लागू की जाएगी। परिवहन विभाग ने सभी स्टेज कैरिज बसों में इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीनों का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में आदेश जारी करते हुए विभाग ने दो महीने के भीतर इसे लागू करने का निर्देश दिया है।
यात्रियों को मिलेगी सुविधा
यह कदम यात्रियों के किराए की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और बस मालिकों की आय में सुधार लाने के लिए उठाया गया है। परिवहन विभाग का कहना है कि ई-टिकटिंग प्रणाली से यात्रियों को किराए की सटीक जानकारी मिलेगी और नकद भुगतान की समस्या का समाधान होगा। इन मशीनों में डिजिटल भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध होगी जिससे यात्री आसानी से किराया चुका सकेंगे।
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QR कोड और अन्य डिजिटल ऑप्शन भी मिलेंगे
मशीनों में स्कैनर होने से QR कोड और अन्य डिजिटल भुगतान के विकल्प उपलब्ध होंगे। मशीनों को जीपीएस और इंटरनेट से जोड़ने का भी निर्देश दिया गया है ताकि पूरी प्रणाली को निगरानी में रखा जा सके। नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए विभाग द्वारा बसों की नियमित चेकिंग की जाएगी। जिन बसों में यह मशीनें उपलब्ध नहीं होंगी या कंडक्टर इनका उपयोग नहीं करेगा उन पर कार्रवाई की जाएगी।
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बस मालिकों को भी होगा लाभ
यह प्रणाली बस मालिकों के लिए भी फायदेमंद साबित होगी क्योंकि इससे उनकी आय में पारदर्शिता और बढ़ोतरी होगी। वर्तमान किराया दरों को इन मशीनों में दर्ज करने का निर्देश दिया गया है ताकि यात्रियों को सही दर पर टिकट मिल सके। वहीं, परिवहन विभाग का मानना है कि यह कदम यात्रियों और बस मालिकों दोनों के लिए लाभकारी होगा और प्रदेश में परिवहन प्रणाली को अधिक सुचारू और पारदर्शी बनाएगा।
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परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए यह निर्देश
- सभी स्टेज कैरिज बस ऑपरेटरों को दो महीने के भीतर इलेक्ट्रॉनिक टिकटिंग मशीन (ईटीएम) स्थापित और सक्रिय करना होगा।
- ईटीएम को मौजूदा किराया संग्रहण प्रणाली के साथ एकीकृत किया जा सकता है और तकनीकी विशिष्टताओं का पालन करना होगा।
- ऑपरेटरों को निर्बाध लेनदेन प्रसंस्करण, सटीक किराया गणना और इलेक्ट्रॉनिक टिकट जारी करने को सुनिश्चित करना होगा।
- यात्रियों को एसएमएस, ईमेल या मोबाइल एप के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक टिकट प्राप्त होगा।
- ऑपरेटरों को टिकट बिक्री, किराया संग्रह और लेन-देन का रिकॉर्ड रखकर निरीक्षण उद्देश्यों के लिए उपलब्ध कराना होगा।
- ईटीएम को जीपीएस सक्षम और इंटरनेट से जुड़ा होना चाहिए।
- मशीनों को विभिन्न भुगतान मोड (कैशलेस, कार्ड, मोबाइल वॉलेट) का समर्थन करना चाहिए।
- ईटीएम को किराया विवरण, मार्ग की जानकारी और लेन-देन का इतिहास प्रदर्शित करना होगा।