शिमला। हिमाचल प्रदेश में इस समय गर्मी का प्रकोप जारी है और लोग लू से काफी परेशान हैं। रविवार को भी किन्नौर और लाहुल स्पीति को छोड़कर शेष 10 जिलों में लू का प्रकोप जारी रहा। इसके बाद अब मौसम विभाग ने आगामी सोमवार और मंगलवार के लिए मंडी, बिलासपुर, हमीरपुर, ऊना और सिरमौर जिलों के कई स्थानों में लू चलने का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
धर्मशाला में हुई बारिश
इस सब के बीच ताजा अपडेट ये निकलकर सामने आ रही है कि कांगड़ा जिले के तहत आते धर्मशाला में बारिश का दौर शुरू हो गया है। धर्मशाला में सुबह से धूप खिली हुई थी मगर 3 बजे के आसपास यहां बारिश का दौर शुरू हो गया। इन बारिश की फुहारों ने स्थानीय लोगों को बड़ी राहत दी है।
इन जिलों के लिए लू का येलो अलर्ट
इसके अलावा, कांगड़ा, सोलन, शिमला, कुल्लू और चंबा जिले के लिए लू चलने का यलो अलर्ट भी जारी हुआ है। मगर हिमाचल प्रदेश के लिए और यहां गर्मी से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छी खबर भी है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार, 18 जून से मौसम में बदलाव आने की संभावना है।
21 जून तक बिगड़ा रहेगा मौसम
यदि पूर्वानुमान सही साबित होता है और इंद्रदेव मेहरबान होते हैं, तो 19 से 21 जून के बीच हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में राहत की रिमझिम बूंदें बरसेंगी। मौसम विभाग की मानें तो 19 जून से प्री-मानसून की बारिश शुरू हो जाएगी और इसका असर 21 जून तक बना रहेगा।
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कल भी बरकरार रहेगा हीटवेव का असर
वहीं, 22 जून को मौसम फिर से शुष्क होने की संभावना है, लेकिन इसके बाद फिर से मानसून के आगमन की संभावना जताई जा रही है। हालांकि, 17 और 18 जून को प्रदेश के कई क्षेत्रों में हीटवेव का असर बरकरार रहेगा और इस दौरान अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है।
लोगों को नहीं मिल रहा पानी
हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ रही गर्मी की वजह से पेयजल संकट भी उत्पन्न हो गया है। राज्य में पेयजल की आपूर्ति मुख्यतः प्राकृतिक स्रोतों से होती है, लेकिन बढ़ती गर्मी के कारण इन स्रोतों का जल स्तर घट गया है। इस स्थिति ने हर घर तक नल के माध्यम से पानी पहुंचाने में भी कठिनाइयां पैदा कर दी हैं।
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शिमला में भी जल संकट गहराया
शिमला, जो कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी है, वहां भी इस जल संकट का प्रभाव देखा जा रहा है। यहां लोगों को अब तीन दिन बाद पानी मिल रहा है, जिससे उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है। बहरहाल, अनुमान तो यह लगाया जा रहा है कि जब बारिश होगी, तब प्राकृतिक जल स्रोतों में जल स्तर बढ़ने की उम्मीद है, जिससे धीरे-धीरे पानी की आपूर्ति सामान्य हो सकेगी।