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September 10, 2024

हिमाचल में फिर येलो अलर्ट जारी, जानें कब कमजोर पड़ेगा मानसून

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में मौसम विज्ञान केंद्र ने मौसम साफ बने रहने का पूर्वानुमान जताया था। मगर बीते दो-तीन दिनों से प्रदेश की राजधानी शिमाल समेत सूबे के कई इलाकों में जमकर बारिश हो रही है। इसी के चले अब मौसम विभाग ने आगामी कुछ घंटों के लिए प्रदेश के निम्न और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है।

येलो अलर्ट हुआ जारी

मौसम विज्ञान केंद्र ने आज के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार, आज प्रदेश के कम और मध्यम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। यह भी पढ़ें: हिमाचल में रैगिंग : यूनिवर्सिटी में फर्स्ट इयर के छात्र संग सीनियर्स ने पार की हदें

मिलाजुला बना रहेगा मौसम

मौसम विभाग के अनुसर, अगले कुछ घंटों तक शिमला, कांगड़ा, सोलन, कुल्लू, मंडी, सिरमौर, ऊना और बिलासपुर समेत कई अन्य क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है। जबकि, उच्च पर्वतीय जिलों किन्नौर और लाहौल स्पीति में मौसम मिलाजुला बना रहेगा।

यहां जमकर बरसे बादल

आपको बता दें कि बीते कल राजधानी शिमला, धर्मशाला समेत कई क्षेत्रों में समय धूप खिली रही। मगर रात के समय शिमला, सोलन, डलहौजी जुब्बड़हट्टी और कुफरी में जमकर बादल बरसे। सबसे ज्यादा सोलन जिले में बारिश दर्ज की गई है। यह भी पढ़ें: शिमला में 70 बीघा जमीन पर वक्फ बोर्ड का मालिकाना हक, जानें कहां-कहां है भूमि

कब कमजोर पड़ेगा मानसून?

मौसम विभाग के अनुसारस, कल से हिमाचल प्रदेश में मौसम साफ बनेगा रहेगा। IMD ने 15 सितंबर तक प्रदेश में बारिश नहीं होने की संभावना जताई है। ऐसे में कल से प्रदेश में मानसून के कमजोर पड़ने के आसार लगाए जा रहे हैं।

जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

आपको बता दें कि प्रदेश के कई क्षेत्रों में कल भी भारी बारिश हुई है। बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई इलाकों में बिजली बंद है और सड़कों पर बारिश का पानी जमा हो गया है। जिस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह भी पढ़ें: हिमाचल : घर बैठे मोटी कमाई करने चली थी महिला, लगा 20.38 लाख का चूना

कई लोगों की गई जान

हिमाचल में इस मानसून सीजन में लगभग 270 लोगों की मौत हुई है। जिसमें भूस्खलन में दबने बाढ़ में बहने, डूबने सड़क हादसों सांप के काटने सहित अन्य हादसों में इन लोगों की मौत हुई है। जबकि, कई लोग अभी भी लापता हैं। प्रदेश में दो माह में बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन की 88 घटनाएं हुई हैं।

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