धर्मशाला। हिमाचल में बढ़ते बंदरों के आंतक से सुक्खू सरकार निजात दिलवाने वाली है। सुक्खू सरकार ने इसकी जानकारी हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र में दी। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में बंदरों की समस्या काफी बढ़ गई है। बंदरों की समस्या से निजात दिलाने के लिए प्रदेश की कांग्रेस सरकार नई पहल करने जा रही है।
किसने उठाया सवाल
दरअसल विधायक अजय सोलंकी ने सवाल उठाया था कि प्रदेश में बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। एक तरफ जहां बंदरों के आतंक से लोगों ने खेती करना छोड़ दिया है। वहीं शहरी क्षेत्रों में यह बंदर घरों में घुस रहे हैं। वहीं कई बार प्रदेश में बंदरों के हमले से कई लोग घायल भी हुए हैं। अजय सोलंकी ने सरकार से पूछा था कि सरकार इन बंदरों के आतंक को खत्म करने पर क्या काम कर रही है।
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क्या बोले सीएम सुक्खू
विधायक अजय सोलंकी के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि बंदरों के घरों में घुसने की समस्या कोई नई नही है। उन्होंने कहा कि शहरों में पहले से इस परेशानी को लोग झेल रहे हैं। अब गांवों में भी यह समस्या बढ़ गई है और लोगों ने फसलें उगाना छोड़ दी हैं। बंदरों की समस्या को हल करने के लिए कांग्रेस सरकार नई पहल करने जा रही है।
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क्या है कांग्रेस सरकार का प्लान
सीएम सुक्खू ने कहा कि जंगलों में फलदार पौधे लगाए जाएंगे। प्रदेश सरकार राज्य में बंदरों की समस्या को कम करने के लिए बरसात के दौरान किए जाने वाले पौधारोपण में 60 फीसदी पौधे फलदार लगाएगी, ताकि बंदरों को फिर से उनके प्राकृतिक वासों की तरफ आकर्षित किया जा सके।
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बंदरों की नसबंदी भी की जा रही
सीएम सुक्खू ने बताया क िप्रदेश में अब तक 1.87 लाख बंदरों की नसबंदी की जा चुकी है। इनमें से 1188 बंदरों की नसंबदी नाहन विधानसभा क्षेत्र में की गई है। उन्होंने कहा कि सिरमौर जिले के पांवटा साहिब में एक नसबंदी केंद्र कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि बंदरों की समस्या के दृष्टिगत उन्हें मारने की इजाजत भी केंद्र सरकार ने दी थीए लेकिन धार्मिक भावनाएं आड़े आ गई और उन्होंने बंदरों को नहीं मारा।
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आवारा पशुओं की समस्या पर भी जताई चिंता
सीएम सुक्खू ने कहा कि बंदरों के आतंक से लोगों को बचाने के लिए कुछ हिदायतें भी जारी की गई है। जिनका आम जनता को पालन करना चाहिए। वहीं बंदरों के हमले से पीड़ित लोगांे को राहत राशि का भी प्रावधान है। सीएम सुक्खू ने आवारा पशुओं की समस्या पर भी चिंता जताई और कहा कि सरकार इसे दूर करने के लिए भी प्रयासरत है। इसके लिए सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है, ताकि इस खेती में पशुओं की भूमिका को बढ़ाया जा सके।