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August 27, 2024

दो साल में सुक्खू सरकार ने कितने लोगों के कर्ज किए माफ, जानें क्या मिला जवाब

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में आज से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो गया है। आज मानसून सत्र का पहला ही दिन धमाकेदार रहा। कई ऐसे मुद्दे सामने आए, जिनमें सत्ता पक्ष और विपक्ष में नोकझोंक हो गई। एक बार तो विपक्ष ने सदन से वाकआउट भी कर दिया। आज पहले दिन एक विधेयक भी पारित किया गया। आज दो सवाल ऐसे भी सदन में पूछे गए, जिनका जवाब सुक्खू सरकार ने नहीं दिया, या यूं कहें कि गोलमोल दिया गया।

सुक्खू सरकार ने किसका कर्ज माफ किया

दरअसल सदन में आज भाजपा के वरिष्ठ सदस्य सतपाल सिंह सत्ती ने एक सवाल पूछा था। जिसमें उन्होंने सरकार से कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के उन कर्जदाताओं की सूची मांगी थी, जिनके कर्ज सुक्खू सरकार ने दो साल के कार्यकाल में वन टाइम सेटलमेंट के तहत माफ किए हैं। लेकिन सतपाल सिंह सत्ती को उनके इस सवाल का जवाब नहीं मिला। उनकी मांगी गई सूची में सिर्फ सरकार की तरफ से इतना ही जवाब मिला कि इसको लेकर सूचना एकत्रित की जा रही है।
प्रदेश सरकार की बैंक के पास कितनी संपत्ती, नहीं मिला जवाब
वहीं एक अन्य सवाल का जवाब भी सुक्खू सरकार सदन में नहीं दे पाई है। यह सवाल सुक्खू सरकार के ही एक विधायक ने उठाया था। शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया सवाल के रूप् में यह जानना चाहते थे कि हिमाचल सरकार की विभिन्न बैंकों में कितनी एफडीआर (फिक्स्ड डिपॉजिट रिसिप्ट) हैं। इन एफडीआर से सरकार को हर साल कितना ब्याज मिल रहा है। लेकिन केवल सिंह पठानिया को भी सतपाल सिंह सत्ती वाला ही जवाब दिया गया। यानी जवाब में सरकार की तरफ से सिर्फ इतना कहा गया कि इस बारे में सूचना एकत्रित की जा रही है। यह भी पढ़ें: सिग्नल तोड़ भाग रहे थे 5 यार, ट्रैफिक पुलिस पर की गाड़ी चढ़ाने की कोशिश

कई बार नहीं मिलती है इसकी जानकारी

बता दंे कि सदन में कई ऐसे सवाल होते है, जिनके बारे में सरकार की तरफ से यही कहा जाता है कि इसको लेकर सूचना एकत्रित की जा रही है। लेकिन कई बार तो यह सवाल एक सत्र से दूसरे सेशन में भी पहुंच जाते हैं, लेकिन तब भी उनका यही जवाब होता है कि सूचना एकत्रित की जा रही है।

विपक्ष ने सुबह की हर दिया था वाकआउट

बता दें कि आज सुबह से ही विधानसभा का पहला दिन हंगामेदार रहा। मानसून के शुरू होने के बाद विपक्ष ने सदन में स्थगन प्रस्ताव लाया गया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चर्चा की मांग की। स्पीकर ने इस पर चर्चा की इजाजत नहीं दी। इसके बाद विपक्ष नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चला गया। यह भी पढ़ें: JBT की बैचवाइज भर्ती का परिणाम घोषित, 1122 अभ्यर्थी हुए चयनित

किसान आंदोलन पर कंगना के खिलाफ नारेबाजी

जिसके बाद मानसून सत्र में कांग्रेस विधायकों ने किसान आंदोलन पर मंडी की भाजपा सांसद द्वारा दिए गए बयान का मुद्दा उठाया और सदन में ही कंगना के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। जिस पर विपक्ष ने भी हंगामा किया और सदन में दोनों पक्षों के बीच तीखी नोक झोंक भी हुई। यह भी पढ़ें: हिमाचल का सपूत देश सेवा करते हुआ शहीद, शादी के सपने संजो रही थी मां

एक विधेयक हुआ पारित

इसी तरह से आज विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन एक विधेयक भी पारित हुआ है। मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने सदन में लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल से 21 साल किए जाने का प्रस्ताव रखा। जिसे बिना चर्चा के ही सर्वसम्मति के पास कर दिया गया। यानी अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद हिमाचल में लड़कियों की शादी 21 वर्ष से पूर्व करना कानूनी अपराध माना जाएगा।

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