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January 27, 2025
सुक्खू सरकार का बड़ा फैसला, स्कूलों में छात्रों की संख्या अनुसार नियुक्त होंगे शिक्षक
शहरों, उपमंडलों में कार्यरत शिक्षकों का दूरदराज क्षेत्रों में होगा तबादला
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शिमला। हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूला में हर साल विद्यार्थियों की संख्या कम होती जा रही है। इसका एक बड़ा कारण स्कूलों में पर्याप्त शिक्षकों का ना होना भी है। प्रदेश भर में आज भी कई ऐसे स्कूल हैं, जहां छात्रों की संख्या तो काफी है, लेकिन उन्हें पढ़ाने के लिए मात्र एक शिक्षक ही है। ऐसे में अब हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने नये शैक्षणिक सत्र से स्कूलों में छात्रों की संख्या के अनुसार ही स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति करने का फैसला लिया है। सुक्खू सरकार ने स्कूलों में शिक्षकों की युक्तिकरण प्रक्रिया शुरू कर दी है। सरकार के आदेश के बाद शिक्षा विभाग ने इस पर काम भी शुरू कर दिया है। उच्च और प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने जिला उपनिदेशकों से 15 फरवरी तक सरप्लस शिक्षकों और पंजीकृत विद्यार्थियों की सूची मांगी है।
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सरकार द्वारा स्कूलों में शुरू की गई युक्तिकरण प्रक्रिया में ऐसे स्कूलों की संख्या पूछी गई है, जहां पर बच्चों की संख्या 20 व इससे कम है और उन स्कूलों में कितने शिक्षक कार्यरत हैं। वहीं ऐसे स्कूलों की संख्या के बारे में भी पूछा गया है, जहां छात्रों की संख्या तो काफी अधिक है, लेकिन शिक्षक कम हैं। शिक्षा विभाग ने युक्तिकरण प्रक्रिया में सभी स्कूलों को एक परफार्मा जारी किया है। जिसमें स्कूलों को छात्रों और शिक्षकों की जानकारी 15 फरवरी तक देने को कहा है।
बताया जा रहा है कि 15 फरवरी तक शिक्षा विभाग के पास पूरा रिकॉर्ड आ जाएगा। उसके बाद शिक्षकों को बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। शहरों और उपमंडल स्तर से सटे स्कूलों में नियुक्त शिक्षकों को अब दूरदराज क्षेत्रों वाले स्कूलों में भेजा जाएगा यानी उनका तबादला किया जाएगा। सरकार ने शिक्षा विभाग को इस सारी प्रक्रिया को नया शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले पूरा करने को कहा है।
प्रदेश के जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या 20 या उससे कम है और उन स्कूलों में तीन या उससे अधिक शिक्षक तैनात हैं तो ऐसे में उन शिक्षकों का तबादला कर अन्य स्कूलों में भेजा जाएगा। सरकार छात्र शिक्षक अनुपात के तहत ही अब स्कूलों में शिक्षकों को तैनात करेगी। सरकार की युक्तिकरण की प्रक्रियाा के तहत सबसे पहले उन शिक्षकों को बदला जाएगा, जिनका कार्यकाल एक स्थान पर दूसरे शिक्षकों के मुकाबले अधिक है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत स्कूलों में 60 बच्चों की संख्या पर कम से कम 2 शिक्षक होना अनिवार्य है। जबकि हिमाचल में स्थिति ऐसी नहीं है। यहां पर कई स्कूलों में बच्चों की संख्या 5 व 10 है और शिक्षक की संख्या तीन व इससे अधिक भी है।