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September 20, 2024

खजाना भरने के चक्कर में बिजली सब्सिडी बंद: अब पलायन करेंगे उद्योग- बढ़ेगी बेरोजगारी!

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शिमला। हिमाचल का खजाना पूरी तरह से खाली हो चुका है। जिसे भरने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू आए दिन बड़े बड़े फैसले ले रहे हैं। जिसका असर सीधे जनता पर पड़ रहा है। सुक्खू सरकार के इन फैसलों का असर अब जनता के साथ साथ उद्योगों पर भी पड़ने लगा है। सीएम सुक्खू सरकारी खजाने को भरने के लिए उद्योगों पर अतिरिक्त बोझ डाल रहे हैं। इसका खामियाजा भी आम जनता को भुगतना पड़ सकता है।

उद्योगों को मिलने वाली एक रुपए की सब्सिड़ी की खत्म

बता दें कि सुक्खू सरकार ने बिजली की दरों में बड़ा बदलाव किया है। उद्योगों के साथ साथ घरेलू उपभोक्ताओं को भी सुक्खू सरकार ने बड़ा झटका दिया है। एक तरफ जहां सुक्खू सरकार ने बड़े उद्योगों को बिजली पर मिलने वाली एक रुपए की सब्सिड़ी को खत्म कर दिया है। वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट तक ही सब्सिडी की राहत मिलेगी। यह नई दरें पहली अक्तूबर से लागू हो जाएंगी। यह भी पढ़ें: चाबी के खेल ने फंसाया- नशे में धुत सूबेदार उठा ले गया किसी और की कार

सरकार के खजाने में आएंगे 700 करोड़

दरअसल हिमाचल की सुक्खू सरकार ने विधानसभा के मानुसन सत्र में कहा था कि बड़े उद्योगों को दी जा रही एक रुपए की बिजली सब्सिड़ी को खत्म कर दिया जाएगा। जिसको लेकर अब अधिसूचना जारी कर दी गई है। सरकार अपने इस फैसले से प्रदेश के खजाने में एक साल में लगभग 700 करोड़ की कमाई कर लेगी। लेकिन दूसरी तरफ उद्योगों को बिजली महंगी करने से प्रदेश से उद्योगों का पलायन भी हो सकता है। यह भी पढ़ें: सेब मार्केट धड़ाम- 300 से 400 रुपये कम हुआ पेटी का दाम, बागवान हताश

महंगी बिजली मिलने से पलायन कर सकते हैं उद्योग

हिमाचल में कई तरह के छोटे और बड़े उद्योग काम कर रहे हैं। इन उद्योगों को हिमाचल में स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार उन्हें कई तरह की रियायतें देती है, जिसमें बिजली सब्सिड़ी भी शामिल रहती है। इससे सरकार को राजस्व के साथ साथ स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। लेकिन अब सुक्खू सरकार द्वारा उद्योगों की इस तरह बिजली सब्सिड़ी को खत्म करने से उद्योग पलायन कर सकते हैं। और प्रदेश के हजारों लोग बेरोजगार हो सकते हैं। यह भी पढ़ें: हिमाचल में दिन-दिहाड़े पांच लोगों ने युवक को घेरा, कई बार किए वार

66 केवी क्षमता वाले उद्योगों की सब्सिड़ी की बंद

बता दें कि सुक्खू सरकार ने बड़े उद्योगों को दी जाने वाली एक रुपए की बिजली सब्सिडी खत्म कर दी है। सुक्खू सरकार 66 केवी से अधिक क्षमता वाली सप्लाई लेने वाले औद्योगिक उपभोक्ताओं को अब 5.66 से 6.06 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिलेगी। जिससे उद्योगों के मालिक सुक्खू सरकार से काफी नाराज भी हैं। यह भी पढ़ें: हिमाचल : घर से रात को ड्यूटी पर आया था पंप ऑपरेटर, अचानक तारों में उलझा

छोटे उद्योगों को मिलती रहेगी सब्सिड़ी

हालांकि सरकार ने छोटे उद्योगों पर किसी तरह का कोई बोझ नहीं डाला है। 22 केवी बिजली उपयोग करने वाले स्माल यूनिट्स की एक रुपए वाली सब्सिडी जारी रहेगी। यही नहीं, छोटे उद्योगों को सहारा देने के लिए सरकार ने इन पर लागू इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को भी 16.5 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। यानी सीधे साढ़े छह प्रतिशत की कमी की गई है। यह भी पढ़ें: हिमाचल में पैदल नशा बेचने निकले थे पंजाबी युवक, लाखों की खेप के साथ हुए अरेस्ट

हिमाचल के उद्योगों में होती है सबसे ज्यादा बिजली की खपत

हिमाचल में सैंकड़ों छोट और बड़े उद्योग स्थापित हैं। प्रदेश में बिजली की 70 फीसदी खपत इन उद्योगों में ही होती है। इन सभी उद्योगों को सस्ती बिजली के लिए राज्य सरकार सब्सिडी देती है। इस पर सालाना 900 करोड़ रुपए तक का खर्च होता है। ये खर्च राज्य सरकार उठाती है। अब बड़े उद्योगों को एक रुपए सब्सिडी खत्म करने से खजाने में कम से कम 700 करोड़ रुपए सालाना आएंगे।

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