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November 11, 2024

हिमाचल का संजौली मस्जिद मामला:, कोर्ट ने सुने दोनों पक्ष, कब आएगा फैसला जानें

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शिमला। हिमाचल प्रदेश में दो समुदायों के बीच तनाव पैदा करने वाला चर्चित संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण के मामले की आज जिला कोर्ट में सुनवाई हुई। यह सुनवाई नगर निगम आयुक्त द्वारा संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों के अवैध निर्माण को गिराने के फैसले पर स्टे लगाए जाने की याचिका पर हुई। आज की सुनवाई में जिला अदालत ने दोनों पक्षों को सुना।

14 नवंबर को होगी अगली सुनवाई

आज सोमवार को संजौली मस्जिद के आसपास रहने वाले लोकल रेजिडेंट ने इस केस में पार्टी बनने के लिए आवेदन किया। अब इस मामले की सुनवाई तीन दिन बाद यानी 14 नवंबर को होगी। आज सुनवाई के दौरान वक्फ बोर्ड ने भी अदालत में अपना जवाब दिया। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जिला अदालत ने अगली सुनवाई 14 नवंबर को रखी है।

लोकल रेजिडेंट ने जिला अदालत में दी एप्लीकेशन

वहीं इस मामले में अब लोकल रेजिडेंट के एडवोकेट जगपाल ने कहा कि हिमाचल हाईकोर्ट ने 21 अक्तूबर को दिए अपने आदेशों में कहा था कि जब जब इस केस की सुनवाई होगी तो लोकल रेजिडेंट को भी जरूर सुना जाए। जिसके चलते ही लोकल रेजिडेंट ने कोर्ट में एप्लिकेशन दी है, ताकि उन्हें भी अदालत में अपना पक्ष रखने का मौका मिल पाए। ह भी पढ़ें :  टैक्सी और कार में भिड़ंत-1 साल के मासूम से छिन गई मां की ममता, चालक भी नहीं बचा लोकल रेजिडेंट के वकील की ओर से दलीलें दी गई कि वक्फ बोर्ड को इस मामले में 11 नोटिस भेजे गए थे, बावजूद इसके वक्फ बोर्ड मस्जिद में अवैध निर्माण की जानकारी होने से इंकार करता रहा है।

एमसी आयुक्त ने पांच अक्तूबर को सुनाया था फैसला

बता दें कि संजौली मस्जिद में अवैध निर्माझा की सुनवाई के दौरान नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने पांच अक्तूबर को अपना फैसला सुनाया था। उन्हाने मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलांे को मस्जिद कमेटी को अपने खर्चे पर गिराने के आदेश दिए थे। लेकिन उसके बाद ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर सोसाइटी के प्रमुख नजाकत अली ने नगर निगम आयुक्त के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दे दी। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पाई-पाई जोड़कर बनाया था जो मकान, उसी ने छीन लिए बुजुर्ग के प्राण

नज़ाकत अली हाशमी ने एमसी आयुक्त के फैसले पर मांगी थी स्टे

नज़ाकत अली हाशमी ने कहा था कि जिला आयुक्त ने मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष द्वारा दिए गए हल्फनामे के आधार पर अपना फैसला सुनाया है। जबकि मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष ने हल्फनामा बिना कमेटी की रजामंदी के दिया था। जिस पर उन्हांेने जिला अदालत में नगर निगम आयुक्त के फैसले पर स्टे की मांग की थी। हालांकि पिछली सुनवाई में जिला अदालत ने एमसी आयुक्त के फैसले पर स्टे देने से इंकार कर दिया था। यह भी पढ़ें : हिमाचल का वीर जवान आतंकी मुठभेड़ में शहीद, बूढ़ी मां से छिन गया सहारा

हाईकोर्ट ने भी 20 दिसंबर से पहले मामले को निपटाने के दिए हैं आदेश

संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण का यह मामला नगर निगम शिमला आयुक्त की कोर्ट में सारल 2010 से चल रहा है। बावजूद इसके कोई अंतिम फैसला ना आने के चलते लोकल रेजिडेंट ने 21 अक्तूबर को हिमाचल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर इस मामले का फैसला जल्द से जल्द सुनाने के एमसी आयुक्त को आदेश दिए थे। हाईकोर्ट ने आयुक्त कोर्ट को आठ सप्ताह में इस केस को निपटाने को कहा था। यानी 20 दिसंबर से पहले इस मामले का निपटारा करने को कहा है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : हफ्ता पहले ही घर से ड्यूटी पर लौटा था बलिदानी राकेश, मां-पत्नी बेसुध

मुस्लिम वेलफेयर कमेटी की याचिका से लंबा खींच सकता है मामला

हालांकि नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया था, लेकिन इसी बीच ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर कमेटी द्वारा जिला अदालत में स्टे की मांग से अब यह मामला और लंबा होता दिख रहा है। अब देखना यह है कि जिला अदालत में 14 नवंबर को इस मामले में क्या फैसला देता है।

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