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November 18, 2024

संजौली मस्जिद विवाद: जिला कोर्ट में क्या बोले मुस्लिम पक्ष के वकील, पढ़ें कब आएगा फैसला

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला का बहुचर्चित संजौली मस्जिद विवाद ने प्रदेश सहित पूरे देश में बवाल मचा दिया था। अब यह मामला जिला कोर्ट में चल रहा है। आज जिला कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई, जिसमें जिला कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। इस मामले की अगली सुनवाई 22 नवंबर को रखी गई है। उम्मीद जताई जा रही है कि 22 नवंबर को इस केस पर कोई फैसला आ जाए।

क्या बोले मुस्लिम पक्ष के वकील

आज सोमवार को जिला अदालत में बहस के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा पूरे मामले को एमसी कमिश्नर को दोबारा जांच के लिए भेजा, ताकि ध्यान से इस मामले को सुना जा सके। उन्होंने कहा कि एमसी कोर्ट ने सिर्फ संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहमद लतीफ के हल्फनामे को आधार मान कर अपना फैसला सुना दिया। जबकि मोहम्मद लतीफ को यह हल्फनामे देने का अधिकार ही नहीं था।

कब होगी अगली सुनवाई

सोमवार की सुनवाई में एमसी शिमला की तरफ से भी वकील पेश हुए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति प्रवीण गर्ग की अदालत ने मुस्लिम वेलफेयर सोसायटी की याचिका पर फैसले को सुरक्षित रख लिया है। इसके अलावा वक्फ बोर्ड से एक एफिडेविट भी तलब किया है। अब इस केस की सुनवाई 22 नवंबर को होगी, जिसमें बड़ा फैसला आने की उम्मीद है।

5 अक्तूबर को दिए थे तीन मंजिल हटाने के निर्देश

संजौली मस्जिद की ऊपर की तीन मंजिलों के अवैध निर्माण को नगर निगम शिमला के आयुक्त कोर्ट ने गिराने का फैसला 5 अक्तूबर को दिया था। जिसके बाद संजौली मस्जिद कमेटी ने धन राशि एकत्रित कर संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण को हटाने का काम भी शुरू कर दिया था। लेकिन इसी बीच ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन सामने आ गया।

एमसी आयुक्त के फैसले को क्यों दी जिला कोर्ट में चुनौती

ऑल हिमाचल मुस्लिम वेलफेयर एसोसिएशन के प्रमुख जाकत अली ने नगर निगम शिमला के फैसले को जिला अदालत में चुनौती दे दी और फैसले पर स्टे की मांग की। नजाकत अली ने अपनी याचिका में कहा कि संजौली मस्जिद कमेटी रजिस्टर नहीं है। ऐसे में उसके अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ की ओर से दिया गया हलफनामा सही नहीं है। जबकि एमसी कोर्ट ने संजौली मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष मोहमद लतीफ द्वारा दिए गए हल्फनामे को आधार मान कर अपना फैसला सुना दिया।

मोहमद लतीफ प्रधान हैं या नहीं

मोहमद लतीफ मस्जिद प्रधान के तौर पर वक्फ बोर्ड से ऑथराइज्ड था या नहीं ? अब मामले में 22 नवंबर को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज की कोर्ट फैसला सुनाएगी। अब मामले में 22 नवंबर को एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज की कोर्ट फैसला सुनाएगी। यह भी पढ़ें : HRTC बस से मिला चरस का जखीरा, सवारी बन बैठा था तस्कर- हुआ अरेस्ट

2010 से चल रहा केस

बता दंे कि इससे पहले 11 नवंबर को हुई मामले की सुनवाई में जिला अदालत ने लोकल रेजिडेंट को पार्टी बनाने से इंकार कर दिया था। इससे पहले नगर निगम शिमला आयुक्त कोर्ट में यह मामला साल 2010 से चल रहा है। इसे देखते हुए लोकल रेजिडेंट ने 21 अक्तूबर को हिमाचल हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जल्द फैसला सुनाने के लिए एमसी आयुक्त को निर्देश देने की अपील की थी। यह भी पढ़ें : हिमाचल में PG से गायब हुए दो छात्र, CCTV फुटेज आई सामने; तलाश में जुटी पुलिस

हिमाचल हाईकोर्ट ने 8 सप्ताह में केस निपटाने के दिए निर्देश

याचिका पर सुनवाई करते हुए हिमाचल हाईकोर्ट ने एमसी आयुक्त को 8 सप्ताह में इस केस को निपटाने के आदेश दिए थे। इन आदेशों के अनुसार एमसी आयुक्त को 20 दिसंबर तक संजौली मस्जिद का केस निपटाना है। हालांकि एमसी आयुक्त ने पांच अक्तूबर को तीन मंजिल गिराने के आदेश सुना दिए थे, लेकिन अब यह मामला जिला अदालत में चल रहा है। यह भी पढ़ें : पंचायत प्रधान के पति ने महिला पंच को सड़क पर घसीटा, जानें पूरा मामला

संजौली मस्जिद से पूरे प्रदेश में हुआ था विवाद

संजौली मस्जिद के कारण पूरे प्रदेश में बवाल मचा था। शिमला के बाद सोलनए मंडीए कुल्लू और सिरमौर जिला में भी जगह.जगह मस्जिद मामले में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किए और अवैध रूप से बनी मस्जिदों को गिराने की मांग उठाई। इससे पूरे प्रदेश में माहौल तनावपूर्ण हो गया था। यह भी पढ़ें : हिमाचल में अब बुजुर्गों का इलाज करने घर पर आएंगे डॉक्टर-नर्स, टेस्ट भी होंगे इस बीच बीते 12 सितंबर को संजौली मस्जिद कमेटी ने खुद नगर निगम आयुक्त से मिलकर अवैध रूप से बनी ऊपर की मंजिल को हटाने की पेशकश की। इसके बाद हिंदू संगठन शांत हुए। निगम आयुक्त के मस्जिद की तीन मंजिल तोड़ने के आदेशों के बाद यह मामला पूरी तरह शांत हो गया।।

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