शिलाई (सिरमौर)। हिमाचल की राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण का ऐसा बवंडर उठा, जिसने पूरे हिमाचल को अपनी चपेट में ले लिया। सालों से खामोश बैठे हिंदू संगठन अचानक सड़कों पर उतर आए। प्रदेश भर में मस्जिदों के अवैध निर्माण के इस मुद्दे ने जहां हिमाचल में अवैध तरीके से रह रहे प्रवासियों के मुद्दे को हवा दे दी। वहीं बिना किसी वेरिफिकेशन के दूसरे राज्यों से हिमाचल में आकर यहीं बस चुके विशेष समुदाय के लोगों की भी पोल खोल दी।
46 लोगों की एक जैसी जन्मतिथि से पैदा हो रहे कई सवाल
दरअसल संजौली मस्जिद के अवैध निर्माण के मामले में जब हिंदू संगठनों ने बाहरी लोगों की वेरिफिकेशन की मांग की तो कई बातें सामने आईं। शिमला जिला के गुम्मा में 86 कारोबारियों में से 46 की जन्मतिथि एक जैसी पाई गई। जिससे यह बात तो साफ हो गई है कि यह विशेष समुदाय के लोग हिमाचल में अवैध तरीके से रह रहे है।
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शिलाई में हिंदू संगठनों ने बोला हल्ला
इस सब के बीच आज सिरमौर जिला के शिलाई में हिंदू संगठनों ने संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर हल्ला बोला। संजौली में प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठी चार्ज सहित प्रवासियों की वेरिफिकेशन की मांग की गई। यही नहीं सड़कों पर उतरे हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने वक्फ बोर्ड को भी खत्म करने की मांग उठाई।
हिमाचल में घुस रहे बांग्लादेशी घुसपैठिए
देवभूमि संघर्ष समिति शिलाई के अध्यक्ष ओम प्रकाश ने तो यहां तक कहा है कि हिमाचल ्रदेश में बांग्लादेशी घुसपैठिए घुस आए हैं और यहां पर अवैध तरीके से रह रहे हैं। सरकार और प्रशासन को इन पर रोक लगानी चाहिए। इसके लिए बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की वेरिफिकेशन होनी चाहिए।
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वक्फ बोर्ड भू माफिया के रूप में कर रहा काम
ओम प्रकाश ने बताया कि वक्फ बोर्ड हिमाचल में भू माफिया के रूप में काम कर रहा है। इस बोर्ड ने जगह जगह सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा किया हुआ है। ऐसे में इसे तुरंत प्रभाव से भंग कर देना चाहिए। शिलाई में जोरदार प्रदर्शन के दौरान देवभूमि संघर्ष समिति शिलाई के अध्यक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में अवैध रूप से बनी मस्जिदों और मजारों पर बिना देरी किए कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसा नहीं किया गया तो हिंदू समाज उग्र आंदोलन करेगा।
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31 अगस्त को शिमला से शुरू हुआ था विवाद
बता दें कि शिमला के मैहली में बीते 31 अगस्त को 2 गुटों के बीच लड़ाई के बाद से यह मामला गरमाया हुआ है। इस मारपीट के आरोपी विशेष समुदाय के लोग मस्जिद में छिपे हुए थे। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया।
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इसके बाद पहली और पांच सितंबर को हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने संजौली मस्जिद के बाहर प्रदर्शन किया। 11 सिंतबर को संजौली ढली में हुए उग्र आंदोलन पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और उसके बाद यह मामला पूरे प्रदेश में गरमा गया। उसके बाद मंडी सहित प्रदेश के कई जिला में अवैध मस्जिदों को गिराने की मांग उठने लगी।