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December 26, 2024

संजौली मस्जिद पूरी अवैध!, रिकॉर्ड बदलने की आशंका; फिर गरमा सकता है मामला

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शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बनी मस्जिद पूरी की पूरी अवैध है और इसका निर्माण सरकारी जमीन पर किया गया है। यह आरोप देवभूमि संघर्ष समिति द्वारा लगाए गए हैं। देवभूमि संघर्ष समिति ने इस मामले में दस्तावेजों से छेड़छाड़ के भी आरोप लगाए हैं। देवभूमि संघर्ष समिति ने मांग की है कि सरकारी जमीन पर बनी अवैध मस्जिद को जल्द से जल्द हटाया जाए।

रेवेन्यू रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की जताई आशंका

दरअसल हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में बनी मस्जिद का मामला एक बार फिर गरमाता हुआ नजर आ रहा है। देवभूमि संघर्ष समिति कर ओर से इस मामले के स्थानीय पक्ष के वकील जगतपाल ने रेवेन्यू रिकॉर्ड से छेड़छाड़ होने की संभावना जताई है। उन्होंने कहा कि अब तक के रेवेन्यू रिकॉर्ड और जमाबंदी में जमीन का मालिकाना हक हिमाचल सरकार के पास है। यह भी पढ़ें : हिमाचल में सरकारी गाड़ी से मिली चरस, टिफिन बॉक्स में छुपाकर ले जा रहे थे दो लोग

क्या बोले देवभूमि संघर्ष समिति के वकील

जगतपाल ने कहा कि ऐसे में वक्फ़ बोर्ड की ओर से रेवेन्यू रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा जाना शक पैदा करता है। साथ ही जगतपाल ने नगर निगम आयुक्त की अदालत पर उच्च न्यायालय के आदेश की अवज्ञा का आरोप लगाया है। मामले पर जल्द निर्णय न होने को लेकर अधिवक्ता जगतपाल ने मामले पर हाई कोर्ट जाने की भी बात कही है।

देवभूमि संघर्ष समिति कर रही कोर्ट के फैसले का इंतजार

वहीं देवभूमि संघर्ष समिति के प्रांत सचिव विजेंद्र पाल सिंह ने कहा कि संजौली मस्जिद लेकर देवभूमि का आंदोलन हिंसक नहीं था। मामले में कुछ लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि अभी देवभूमि संघर्ष समिति भी न्यायालय के फैसले का इंतजार कर रही है। यह भी पढ़ें : हिमाचल: दहके घर के बाहर रोती मां, ‘मेरे बच्चे को बचा लो’… 15 घंटे बाद मिली मासूम की देह

कोर्ट के फैसले के बाद तय होगी अगली रूपरेखा

विजेंद्र पाल उत्तर प्रदेश उत्तराखंड जैसे विभिन्न राज्यों में सरकारी जमीन पर बने अवैध निर्माण को तुरंत हटाने के आदेश दिए जाते हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश में दस्तावेजों से यह साबित होता है कि मस्जिद अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर बनी है। लिहाजा जल्द से जल्द अवैध निर्माण को हटाया जाए। विजेंद्र पाल ने कहा कि देवभूमि संघर्ष समिति न्यायालय के निर्णय के बाद आगे का रुख तय करेगी। यह भी पढ़ें : हिमाचल: एक साथ पिता-पुत्र का अंतिम संस्कार, जमीनी विवाद ने उजाड़े दो परिवार

कब से शुरू हुआ था मामला

बता दें कि 97 प्रतिशत हिंदू जनसंख्या वाले शांत हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में अगस्त माह के अंत में दो समुदायों के बीच विवाद पैदा हो गया। यह विवाद उस समय शुरू हुआ, जब शिमला के मल्याणा में अगस्त माह में दो गुटों में मारपीट हुई। इस मारपीट के आरोपी मस्जिद में आकर छिप गए। जिससे गुस्साए लोग मस्जिद के बाहर पहुंचते हैं और हनुमान चालीसा का पाठ कर अपना विरोध जताते हैं। यह भी पढ़ें : हिमाचल : पेंट करते चौथी मंजिल से गिरा पेंटर, नहीं बच सकी जान- पसरा मातम

11 सितंबर को हुआ था विशाल प्रदर्शन

इसी बीच पता चलता है कि संजौली मस्जिद के ऊपर बनी तीन मंजिलों का निर्माण अवैध तरीके से किया गया है। जिसके बाद हिंदू संगठन और स्थानीय लोग 11 सितंबर को एक विशाल प्रदर्शन करते हैं। इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक होती है और पुलिस लाठी चार्ज करती है। जिसके बाद यह मामला काफी भड़क जाता है। इसी बीच संजौली मस्जिद कमेटी प्रबंधन आगे आकर अवैध तरीके से बनाई तीन मंजिलों को गिराने की पेशकश करता है।

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