शिमला। एक ओर कमर तोड़ मंहगाई का शोर चारों ओर है और वहीं, हिमाचल के सरकारी डिपुओं में राशन की किल्लत ने लोगों की परेशानियों को बढ़ा दिया है। बता दें कि वर्ष 2023 के अंत में भी लोगों को उचित मूल्य की दुकानों से राहत नहीं मिल पा रही है।
डिपुओं में कई आवश्यक वस्तुएं गायब
उधर, दिसंबर का महीना खत्म होने को है लेकिन डिपुओं में कई आवश्यक वस्तुएं अब भी गायब हैं। सस्ते राशन के नाम पर उपभोक्ताओं को केवल आटा, चावल और चीनी ही मिल पा रही है। खासकर, सरसों का तेल और दाल की कमी ने लाखों उपभोक्ताओं को मुश्किल में डाल दिया है जिन्हें अब महंगे रेट पर बाजार से इन सामानों को खरीदना पड़ रहा है।
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सरसों का तेल और दाल की आपूर्ति में भारी कमी
हिमाचल प्रदेश में पिछले दो महीने से सरसों का तेल और दाल उपभोक्ताओं को डिपुओं में नहीं मिल रही है। राज्य के लाखों राशन कार्ड धारक अब नए साल के जनवरी महीने का इंतजार कर रहे हैं, जब उन्हें इन वस्तुओं का कोटा मिलेगा। डिपुओं में सरसों का तेल की मांग अधिक होने के कारण, राज्य सरकार को 1 करोड़ लीटर से अधिक तेल की आवश्यकता होगी, ताकि जनवरी और पिछले दो महीनों का बैकलॉग पूरा किया जा सके।
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दालों की खपत भी बढ़ी
प्रदेश में डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को सस्ते दर पर तीन प्रकार की दालें मुहैया कराई जाती हैं, जिनकी खपत लगातार बढ़ रही है। हर महीने 5500 मीट्रिक टन दालों की खपत हो रही है। हालांकि, हाल के दिनों में डिपुओं में दालों की आपूर्ति भी प्रभावित रही है।
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हिमाचल प्रदेश राज्य नागरिक आपूर्ति निगम ने दिसंबर महीने के लिए 40,510 क्विंटल मलका दाल और 79,160 क्विंटल चना दाल का सप्लाई ऑर्डर जारी किया था, लेकिन अधिकांश डिपुओं में अब तक दालें नहीं पहुंची हैं।
सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं
उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत दिलाने के उद्देश्य से सरकारी डिपुओं के माध्यम से राशन मुहैया कराया जाता है, लेकिन कमी की वजह से लोग अब सस्ते राशन के लिए परेशान हैं। इन हालात में, प्रदेश सरकार को डिपुओं में जरूरी सामान की आपूर्ति सुनिश्चित करने और महंगाई से जूझ रहे उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए जल्द कदम उठाने की आवश्यकता है।