शिमला। देवभूमि हिमाचल के कई वीर सपूतों ने मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहूति दी है। ऐसा ही एक वीर जवान हिमाचल के शिमला जिला से था, जिसने मस्जिद में घुसे आंतकियों से लोहा लेते हुए वीरगति पाई थी। शिमला जिले के रामपुर के इस शहीद पवन कुमार को मरणोंपरांत कीर्ति चक्र से नवाजा गया है
राष्ट्रपति ने माता माता को कीर्ति चक्र से नवाजा
नई दिल्ली में शुक्रवार को आयोजित गैलेंट्री अवार्ड-2024 समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू ने पवन कुमार के पिता और माता को कीर्ति चक्र से नवाजा। पवन कुमार धंगल की मां भजन दासी और पिता शिशुपाल ने संपूर्ण गर्व के साथ सम्मान ग्रहण किया। पवन कुमार अपने माता पिता की इकलौती संतान था। कीर्ति चक्र लेते समय पवन के माता पिता की आंखें नम हो गईं।
26 साल की उम्र में पाई थी शहादत
पवन कुमार का जन्म 1997 में हुआ था। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद पवन सेना में भर्ती हो गए थे। बीते साल 27 फरवरी 2023 को पुलवामा में आतंकी हमले में वह शहीद हो गए थे। शहादत के समय पवन कुमार की उम्र मात्र 26 साल थी।
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16 ग्रेनेडियर्स में तैनात थे पवन कुमार
पवन कुमार रामपुर के गांव पृथ्वी के रहने वाले थे और वह बीते साल 27 फरवरी 2023 को पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हो गए थे। पवन कुमार ने 26 साल की उम्र में शहादत पाई थी। पवन कुमार राष्ट्रीय राइफल्स में 55 वीं बटालियन में 16 ग्रेनेडियर्स में तैनात थे। कुछ समय तक सोलह ग्रेनेडियर्स में सेवाएं देने के बाद पवन के साहस को देखते हुए उन्हें आरआर की 55वीं बटालियन में तैनात किया गया था।
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मस्जिद में घुसे आतंकी को किया था ढेर
दरअसल दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में कुछ आतंकी मस्जिद में घुस कर घात लगाए बैठे थे। पवन कुमार व उनके साथियों ने मस्जिद की मर्यादा भंग न करने का फैसला लिया और फायरिंग से परहेज किया।
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पवन कुमार ने एक आतंकी को हैंड टू हैंड कांबेट में धराशायी किया था। उन्होंने बिना हथियार के ही एक आतंकी को मार गिराया था। इस अदम्य साहस के लिए बलिदानी पवन कुमार को देश का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान (पीस टाइम गैलेंट्री अवार्ड) कीर्ति चक्र दिया गया।
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इसी तरह से शिमला के तहत आते उपमंडल चौपाल के गौंठ गांव निवासी राइफलमैन कुलभूषण मांटा को भी जीवन का सर्वोच्च बलिदान करने के लिए "शौर्य चक्र" दिया गया है।