#यूटिलिटी

December 30, 2024

हिमाचल में यहां अब नए तरह का टॉयलेट शुल्क, पुरुषों से की जाएगी वसूली

शेयर करें:

शिमला। हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार अभी हाल ही में टॉयलेट टैक्स पर पूरे देश में अपनी किरकिरी करवा चुकी है। टॉयलेट टैक्स पर हिमाचल भाजपा से लेकर केंद्र की मोदी सरकार तक ने सुक्खू सरकार को जमकर कोसा था। अब एक बार फिर हिमाचल में इसी तरह का एक नया शुल्क वसूलने की तैयारी की जा रही है।

पुरुषों से लिया जाएगा यूरिन शुल्क

दरअसल हिमाचल की राजधानी शिमला के सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करने पर अब महिला और पुरुष दोनों से ही यूरिन शुल्क लिया जाएगा। यह फैसला नगर निगम शिमला ने लिया है। नगर निगम शिमल के फैसले के अनुसार शिमला के सार्वजनिक शौचालयों का इस्तेमाल करने पर अब पुरुषों से भी 5 रुपए यूरिन शुल्क वसूला जाएगा। यह भी पढ़ें : साल 2025: जनवरी में आधा महीना बैंकों पर लटका रहेगा ताला, जानें कब-कब

टॉयलेट टैक्स पर देश भर में सुर्खियों में रही थी सुक्खू सरकार

टॉयलेट टैक्स से देश भर में सुर्खियों में रही हिमाचल की कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में लगने वाला यह बॉशरूम टैक्स भी अब चर्चा का विषय बनता जा रहा है। नगर निगम शिमला की आज सोमवार को मासिक बैठक में इसको लेकर फैसला लिया गया है। नगर निगम शिमला नए साल से इस व्यवस्था को लागू करने वाला है। यह भी पढ़ें : हिमाचल : हाईवे पर पलटी वॉल्वो बस, 35 यात्री थे सवार- मची चीख-पुकार

कितना लिया जाएगा यूरिन शुल्क

नगर निगम के दायरे में इस समय 130 सार्वजनिक शौचालय आते है। जिसमें से 30 शौचलायों में इस व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया है। शहर के प्रमुख स्थलों पर बने 30 शौचालय में पुरुषों से शुल्क लिया जाएगा। नगर निगम के इस फैसले के बाद अब स्थानीय लोगों के साथ साथ पर्यटकों को भी पांच रुपए यूरिन शुल्क चुकाने पड़ेंगे। यह भी पढ़ें : हिमाचल में गोबर खरीद शुरू, 3 रुपए के हिसाब से खरीदा- और बढ़ सकते हैं दाम

क्या बोले एमसी शिमला के मेयर

नगर निगम शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि नगर निगम स्थानीय दुकानदारों के कार्ड बनाएगा। इसमें दुकान मालिक के साथ वहां काम करने वालों को यूरिन जाने पर कार्ड दिखाना होगा। कार्ड बनाने के लिए 100 से 150 रुपए फीस ली जाएगी। वहीं शौचालयों के बाहर यूपीआई पेमेंट की व्यवस्था की जाएगी। इस पर स्कैन करके भी लोग पेमेंट कर सकेंगे। यह भी पढ़ें : हिमाचल : रेन शेल्टर में पड़ी मिली देह, परिवार का नहीं चल पाया पता

व्यापार मंडल ने किया विरोध

वहीं नगर निगम शिमला के इस फैसले का व्यापार मंडल ने विरोध किया है। व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव ठाकुर ने बताया कि यूरिन शुल्क का यह फैसला गलत है। उन्होंने बताया कि यह कारोबारियों पर बोझ डालने का काम करेगा। कारोबारियों से पहले ही विभिन्न प्रकार के टैक्स लिए जा रहे हैं। ऐसे में अब एक और टैक्स कारोबारियांे पर डाला जा रहा है। यह भी पढ़ें : हिमाचल: वाहन ने बाइक को मारी टक्कर, 20 मीटर तक घसीटा सवार, नहीं बची जान

शहर में फैलेगी गंदगी

वहीं कुछ बुजुर्ग लोगों का कहना है कि नगर निगम के इस फैसले के बाद पहाड़ों की रानी कही जाने वाली शिमला में गंदगी का आलम शुरू हो जाएगा। पांच रुपए बचाने के लिए कई लोग शौचालयों में ना जाकर यहां वहां पेशाव करने के लिए खड़े हो जाएंगे। बुजुर्गों का कहना है कि पीएम मोदी के स्वच्छ भारत के सपने में यह फैसला एक दाग के रूप में दिखेगा। यह भी पढ़ें : हिमाचल: ED के सहायक निदेशक ने मांगी थी 25 करोड़ रिश्वत, मामले में बड़ा खुलासा
शौचालयों के रखरखाव के लिए वसूला जाएगा शुल्क
बता दें कि शिमला शहर में सुलभ इंटरनेशनल सार्वजनिक शौचालयों का संचालन कर रही है। इसके एवज में निगम हर माह उसे 2.44 लाख रुपए देता है। प्रशासन ने तर्क दिया कि इन शौचालयों के संचालन और बेहतर रखरखाव के लिए अब शुल्क लिया जाएगा। हालांकि अभी कुछ ही समय पहले हिमाचल हाईकोर्ट ने आदेश दिए थे कि महिलाओं को भी निशुल्क यूरिन की सुविधा दी जाए, बावजूद इसके शौचालयों में महिलाओं से यूनिन के भी पैसे लिए जा रहे थे। अब पुरुषों को भी पेशाब करने के लिए पांच रुपए देने होंगे।

पेज पर वापस जाने के लिए यहां क्लिक करें

ट्रेंडिंग न्यूज़
LAUGH CLUB
संबंधित आलेख