शिमला। हिमाचल एक पहाड़ी राज्य है। जिसकी पहचान ही यहां का स्वच्छ वातावरण और मनमोहक वादियां हैं। लेकिन बढ़ती आवादी और कटते जंगल यहां के पर्यावरण पर बुरा असल डाल रहे हैं। वहीं बाहरी राज्यों से हर साल हिमाचल आने वाले लाखों पर्यटक भी प्रदेश के पर्यटक स्थलांे को दूषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। जिस पर अब हिमाचल हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है।
सैलानियों से टैक्स वसूलने के हिमाचल हाईकोर्ट ने दिए आदेश
हिमाचल हाईकोर्ट ने एक ऐसा फैसला दिया है, जिसके बाद प्रदेश का पर्यावरण प्लास्टिक मुक्त हो जाएगा। हिमाचल हाईकोर्ट ने कहा है कि पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए सैलानियों से टैक्स वसूला जाए। यही नहीं सैलानियों की गाड़ियों में ही प्लास्टिक के बैग रखे जाएं, ताकि वह यहां वहां कूड़ा ना डाल सकें।
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सिक्किम और भूटान की तर्ज पर हिमाचल वसूलेगा टैक्स
न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की अदालत ने कहा कि हिमाचल में भी अब सिक्किम और भूटान की तर्ज पर यहां आने वाले पर्यटकों से पर्यावरण टैक्स वसूला जाएगा। हिमाचल हाईकोर्ट के इन आदेशों के बाद हिमाचल के पर्यावरण को प्लास्टिक मुक्त करने में मदद मिलेगी।
डीसी लाहौल से भी मांगा जवाब
हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को भी सख्त आदेश जारी किए हैं। जिसमें कोर्ट ने कहा है कि बाहरी राज्यों से आने वाली प्लास्टिक कंपनियें का पंजीकरण करवाया जाए, ताकि यह पता चल सके कि हिमाचल में कितना प्लास्टिक बाहरी राज्यों से लाया गया है, और उसे कहां पर डाला गया है।
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कोर्ट ने गैर कानूनी तरीके से प्लास्टिक लाने वालों पर भारी जुर्माना लगाने के भी आदेश दिए हैं। वहीं अदालत ने लाहौल स्पीति के डीसी से भी जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि सैलानियांे से वसूला जाने वाला ग्रीन टैक्स कहां खर्च किय जा रहा है।
सुक्खू सरकार करे स्पेशल टास्क फोर्स का गठन
हाईकोर्ट के आदेशों के बाद नगर निगम एक शिकायत नंबर 9805201916 भी जारी किया है। जिस पर हाईकोर्ट ने सख्त आदेश दिए हैं कि जब तक शिकायत का समाधाना ना हो जाए, तब तक उसको डिस्प्ले पर दिखाया जाए। हिमाचल हाईकोर्ट ने प्रदेश की सुक्खू सरकार को अगली सुनवाई तक स्पेशल टास्क फोर्स को गठन करने के भी आदेश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई पहली अगस्त को होगी।