शिमला। हिमाचल प्रदेश के दो विभागों में सात हजार से भी अधिक पदों पर भर्ती पर रोक लग गई है। यह रोक हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लगाई है। अब प्रदेश की सुक्खू सरकार इन भर्तियों को शुरू करने के लिए हिमाचल हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखने की तैयारी कर रही है, ताकि इस भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जा सके। इस मामले की सुनवाई 21 नवंबर को होगी।
शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में होनी थी भर्ती
दरअसल हिमाचल की सुक्खू सरकार शिक्षा विभाग में 6200 प्री प्राइमरी शिक्षकों के अलावा स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम में नर्स, ओटी टैक्नीशियन और फार्मासिस्ट सहित अन्य श्रेणियों के 1400 पदों पर आउटसोर्स के आधार पर भर्ती करने जा रही थी। यह भर्तियां इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन के माध्यम से की जानी थी, लेकिन हिमाचल हाईकोर्ट ने इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन के माध्यम से की जाने वाली इन भर्तियों पर रोक लगा दी है।
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हिमाचल हाईकोर्ट ने क्यों लगाई भर्ती प्रक्रिया पर रोक
हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने कॉरपोरेशन के तहत पंजीकृत सभी कंपनियों का डाटा बेवसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए हैं। जब तक सभी कंपनियों का डाटा वेबसाइट पर अपलोड नहीं होगा, तब तक आउटसोर्स भर्तियों पर रोक लगाई गई है। इस मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर को रखी गई है।
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सरकारी नौकरी का बढ़ गया इंतजार
हिमाचल हाईकोर्ट की रोक के चलते अब हिमाचल के शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग में नौकरी का इंतजार कर रहे युवाओं को अभी और इंतजार करना पड़ेगा।
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बता दें कि शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर में 6200 प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती से संबंधित नियम बनाकर कॉरपोरेशन को भेज दिए थे। जिसके बाद कॉरपोरेशन ने भी इन पदों पर भर्ती के लिए आउटसोर्स कंपनियों का चयन करने की प्रक्रिया को शुरू कर दिया था। लेकिन अब हाईकोर्ट के आदेशों के बाद यह भर्ती प्रक्रिया थम गई है।