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August 3, 2024

हिमकेयर योजना से बाहर हुए सरकारी कर्मचारी-पेंशनर, निजी अस्पतालों में भी हुई बंद

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शिमला। हिमाचल प्रदेश के सभी नागरिकों को बेहतर इलाज की सुविधा देने के लिए राज्य सरकार ने हिमाचल स्वास्थ्य देखभाल योजना शुरू की थी। यह योजना 2018 में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में पूर्व सीएम जयराम ठाकुर द्वारा शुरू की गई थी। लेकिन अब वर्तमान सुक्खू सरकार इस योजन में संशोधन कर दिया है। योजना में बदलाव करने के लिए सरकार ने 2 बड़े फैसले लिए हैं।

हिमकेयर योजना से यह लोग होंगे बाहर

सुक्खू सरकार का पहला फैसला है कि 1 सितम्बर, 2024 से हिमकेयर योजना में से निजी अस्पतालों को हटा दिया जाएगा। अब इन अस्पतालों में हिमकेयर योजना के तहत इलाज नहीं होगा। साथ ही दूसरा फैसला लिया गया है कि हिमाचल प्रदेश के सभी सरकारी सेवारत और सेवानिवृत अधिकारियों पेशंनरों को तात्कालिक रूप से इस योजना से बहार कर दिया गया है। यह भी पढ़ें: हिमाचल: देवर ने मां समान भाभी पर चला दिया दराट, एक साथ कर दिए कई वार सरकार ने यह फैसले हिमकेयर योजना में लगातार हो रही धांधली को देखते हुए लिया गया है। यह आदेश स्वास्थ्य सचिव एम सुधा देवी की तरफ से भी जारी कर दिए गए हैं। इस संबंध में सचिव स्वास्थ्य एम सुधा देवी की ओर से अधिसूचना जारी की गई है।

निजी अस्पताल थमाते हैं मनमाना बिल

बता दें कि कुछ समय पहले ही सोलन में अपने भाषण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा था कि प्रदेश के कई नागरिक निजी अस्पतालों में इलाज करवाने जाते हैं। यह भी पढ़ें:  स्पीति की पिन वैली में फटा बादल, महिला मलबे में बही- चली गई जा*न जहां पर इलाज काफी महंगा होता है और इस पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होता। कभीण्कभी तो निजी अस्पताल अपनी मनमर्जी से इलाज के रेट तय करते हैं और लंबा चौड़ा बिल मरीजों को थमा देते हैं। इसीलिए अब हिमकेयर योजना से निजी अस्पतालों को बाहर कर दिया गया है।

क्यों शुरू की गई थी हिमकेयर योजना

हिमकेयर योजना को इसीलिए निर्मित किया गया था कि राज्य की जनता को चिकित्सा सेवाओं के लिए कुछ आर्थिक सहायता मिल सके। इस योजना के तहत परिवारों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया गया थाए जिससे आवश्यकता के समय परिवार को चिकित्सा सेवाओं में आर्थिक सहायता मिलती थी। यह भी पढ़ें: कांग्रेस के नए बने विधायक की गाड़ी का कटा चालान, जानें कहां और क्यों इस योजना में सरकारी और निजी दोनों अस्पतालों को शामिल करने का उद्देश्य केवल मरीजों को अधिक विकल्प देना थाए लेकिन अब निजी अस्पताल इसका फायदा उठाकर अत्यधिक फीस लेने लगे हैंए जिससे बीमा प्राप्त परिवारों के साथ सरकार को भी दिक्कत हो रही है।

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