हमीरपुर। हिमाचल का वीर जवान बीते रोज कश्मीर के बारामुला में आतंकियों से लोहा लेते हुए मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हो गया। हमीरपुर जिला के नादौन का रहने वाला यह जवान अरविंद सिंह मात्र 27 साल की उम्र में ही शहीद हो गया है। बेटे के शहीद होने से ना सिर्फ परिवार में बल्कि पूरे गांव में मातम पसर गया है। जवान की अभी मात्र दो साल पहले ही शादी हुई थी।
मात्र डेढ़ साल के बेटे के सिर से उठा पिता का साया
नादौन उपमंडल के कांगो के हथौल गांव के जवान अरविंद की शहादत से उसकी नई नवेली दुल्हन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। शहीद का एक डेढ़ साल के करीब का बेटा रियांश भी है, जिसने अभी तक अपने पिता का चेहरा भी ठीक से नहीं देखा था। लेकिन उससे पहले ही उसके सिर से पिता का साया उठ गया है। जवान के घर में लोगों की भारी भीड़ जमा है, लेकिन किसी की भी सांत्वना पीड़ित परिवार के इस दुख को कम नहीं कर पा रही है।
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जन्माष्टमी पर घर आया था अरविंद
अरविंद अभी हाल ही में जन्माष्टमी पर घर आया था। छुट्टी काटने के बाद वह अपनी ड्यूटी पर लौटा और उसके चंद दिनों में ही उसके शहीद होने की खबर परिवार को मिली। अरविंद के शहीद होने की खबर सुनते ही पिता राजेंद्र सिंह, माता सरोज कुमारी और पत्नी इक्षु पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। दो साल पहले हुई शादी में अरविंद और इक्षु ने कई सपने देख लिए थे। लेकिन उन सपनों को पूरा करने से पहले ही अरविंद पत्नी इक्षु को इस दुनिया में अकेला छोड़ कर चला गया।
पिछले कल सुबह की थी वीडियो कॉल, शाम को आ गई शहादत की खबर
शहीद के पिता राजेंद्र सिंह ने बताया कि अरविंद सिंह एक माह की छुट्टी काटकर 15 दिन पहले ही ड्यूटी पर वापस लौटा था। शुक्रवार सुबह ही अरविंद ने 10 बजे वीडियो कॉल के माध्यम से पूरे परिवार से बातचीत कर हालचाल पूछा था। शुक्रवार शाम 3रू45 बजे बटालियन से फोन पर सूचना मिली कि किश्तवाड़ में चल रहे एक ऑप्रेशन के दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में अरविंद सिंह शहीद हो गए।
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5 साल पहले हुए थे सेना में भर्ती
बताया जा रहा है कि शुक्रवार को जम्मू.कश्मीर में किश्तवाड़ जिले के चटरू इलाके में आतंकियों की गोलीबारी में सेना के चार जवान घायल हुए थे । इन में चटरू अस्पताल ले जाते समय नायब सूबेदार विपन कुमार और सिपाही अरविंद सिंह मौत हो गई थी। दो और जवान घायल है और उनका उपचार चल रहा है।शहीद अरविंद सिंह पुत्र राजेंद्र सिंह मात्र 27 साल की उम्र में शहादत पाई। बताया जा रहा है कि अरविंद सिंह पांच साल पहले ही सेना में 20 डोगरा में भर्ती हुए थे।
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अरविंद का भाई भी सेना में दे रहा सेवाएं
अरविंद का छोटा भाई परमजीत भी सेना में अपनी सेवाएं दे रहा है। भाई की शहादत की खबर मिलते ही वह भी घर पहुंच गया है। अरविंद के छोटे भाई का कहना है कि उसे अपने भाई की शहादत पर गर्व है। सेना के अधिकारियों से मिली सूचना के अनुसार शहीद जवान की देह आज शाम को घर पहुंच सकती है, जहां उनका सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।